मोहन कैबिनेट की सिंग्रामपुर को पर्यटनस्थल बनाने और बुंदेलखंड की विकास परियोजनाओं को मंजूरी देने की तैयारी
भोपाल
मप्र सरकार की डेस्टिनेशन कैबिनेट पॉलिटिक्स का अगला पड़ाव दमोह का सिंग्रामपुर बनने जा रहा है, जहां नवदुर्गा के तीसरे दिन 5 अक्टूबर को डॉ. मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक होगी। इस दिन वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती है।
राज्य सरकार सिंग्रामपुर को पर्यटन के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में मोहर लग सकती है। यहां दुर्गावती के नाम पर संग्रहालय, ऑडिटोरियम, सीएम राइज स्कूल, आईटीआई की स्थापना और पेयजल और सिंचाई के लिए तालाब निर्माण के प्रस्तावों समेत बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रस्तावित विकास परियोजनाओं को भी मंजूरी दी जा सकती है।
इसके अलावा प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ घट रही दुष्कर्म और अत्याचार की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार रानी दुर्गावती के नाम पर वुमन सेफ्टी से जुड़ा कोई बड़ा निर्णय ले सकती है। सिंग्रामपुर में हिल टॉप एक हेलीपैड का निर्माण किया गया है।
रानी दुर्गावती के सम्मान में वुमन सेफ्टी से जुड़ा नया कदम उठा सकती है सरकार
तीसरी डेस्टिनेशन कैबिनेट सिंग्रामपुर कैबिनेट मीटिंग मोहन सरकार की तीसरी डेस्टिनेशन केबिनेट होगी। इससे पहले उज्जैन और जबलपुर में भी राज्य सरकार की कैबिनेट बैठकें हो चुकी हैं। मोहन यादव अगली कैबिनेट बैठक लोकमाता अहिल्या देवी के 300वें जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में उनकी राजधानी रहे खरगोन के ऐतिहासिक शहर महेश्वर में करने की घोषणा कर चुके हैं। 31 मई 2025 को होल्कर रियासत की महान शासक अहिल्या देवी की 300वीं जयंती है।
शिवराज , कमलनाथ भी कर कर चुके ऐसी कैबिनेट बैठकें कांग्रेस की 15 महीने की सरकार में तत्कालीन सीएम कमलनाथ भी उज्जैन और जबलपुर में कैबिनेट बैठकें कर चुके हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी अपने कार्यकाल में उज्जैन और पचमढ़ी में कैबिनेट बैठकें कर चुके हैं।
मोहन सरकार की पिछली दो डेस्टिनेशन कैबिनेट बैठकें
उज्जैन कैबिनेट- सरकार बनने पर दिसंबर माह में मोहन सरकार की पहली केबिनेट बैठक उज्जैन में हुई थी। इस बैठक में सिंहस्थ की तैयारियों और उज्जैन शहर से जुड़ी विकास योजनाओं को प्रमुखता से मंजूरी दी गई थी।
जबलपुर कैबिनेट: यह 3 जनवरी को हुई थी। तब यहां 800 करोड़ की लागत से प्रदेश के सबसे लंबे एलिवेटेड कॉरीडोर, 400 करोड़ से आईटी पार्क और 65 करोड़ की लागत के गारमेंट और फैशन डिजाइन क्लस्टर के विकास को मंजूरी दी गई थी। जबलपुर में नर्मदा के 17 घाटों को हरिद्वार की तरह विकसित करने और रानी दुर्गावती की जीवनी को मप्र के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया गया था। जबलपुर में 409.53 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण भी किया था। बरगी डेम के प्रभावित 10 ग्राम के 1414 परिवारों को भू-अभिलेख के पट्टे भी दिए थे।