मध्यप्रदेश

शिक्षा की बेहतरी के लिये कार्यशाला में निकले निष्कर्षों को अपनाया जायेगा

भोपाल
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भोपाल में हुई स्टार्स (स्ट्रेंथनिंग टीचिंग-लर्निंग एण्ड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स) परियोजना की दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन मूल्यांकन प्रणाली को सुदृढ़ करने पर गहन चर्चा की गई। इस कार्यशाला में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और 18 प्रदेशों के प्रमुख अधिकारियों सहित अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में सहमति व्यक्त की गई कि शिक्षा की बेहतरी के लिये निष्कर्षों को अपनाया जायेगा।

कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री विपिन कुमार ने प्रभावी मूल्यांकन प्रणाली विषय पर आयोजित सत्र में वर्तमान मूल्यांकन प्रणालियों की प्रभावशीलता और इन्हें बेहतर करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सत्र में मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालक श्री दिनेश सिंह कुशवाहा ने छात्रों के परिणामों को बेहतर करने के लिए मूल्यांकन प्रणाली को मजबूत करने पर प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यशाला में अंतर्राष्ट्रीय संस्था एजुकेशन टेस्टिंग सर्विस के निदेशक डॉ. जोन्स बेर्टलिंग ने मूल्यांकन की क्षमता संवर्धन एवं हिमाचल प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव मेजर विशाल शर्मा ने अपने प्रस्तुतिकरण में मूल्यांकन पद्धतियों में नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया। सत्र के अंत में चर्चा के दौरान शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों द्वारा भविष्य की शिक्षा के लिए मूल्यांकन पद्वतियों को और सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया।

अंतिम दिन के दूसरे सत्र में विभिन्न राज्यों में संचालित विद्या समीक्षा केन्द्रों के मॉडल्स और निर्णय लेने के लिए मूल्यांकन परिणामों का एकीकरण विषय पर चर्चा की गई। सत्र का संचालन करते हुए छत्तीसगढ़ के शिक्षा सचिव श्री परदेशी सिद्धार्थ कोमल ने वीएसके मॉडल के क्रिर्यान्वयन पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और ओडिशा राज्यों के शिक्षा विभागों के अधिकारियो ने चर्चा में सहभागिता की। सत्र के बाद अनेक राज्यों के अधिकारियों ने राज्य शिक्षा केन्द्र के भोपाल स्थित कार्यालय मे स्थापित विद्या समीक्षा केन्द्र का अवलोकन किया और वहाँ संचालित मूल्यांकन पद्वति तथा कार्य-प्रणाली की प्रशंसा की।

दोपहर बाद के सत्र में ‘‘राज्यों में मूल्यांकन कक्षों को सुदृढ़ करना’’ विषयक सत्र में राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री आशीष मोदी ने मूल्यांकन कक्ष की आवश्यकता और इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। इस सत्र की पैनल चर्चा में राजस्थान, ओडिशा और महाराष्ट्र के शिक्षा निदेशकों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला के समापन पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री विपिन कुमार ने दो दिवसीय कार्यशाला के मुख्य निष्कर्षों को प्रस्तुत किया और भारत में मूल्यांकन प्रणालियों को और सुदृढ़ करने की दिशा में आगे बढ़ने की रूपरेखा प्रस्तुत की।

कार्यशाला के समापन सत्र में सभी राज्यों और केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में प्रस्तुत बेस्ट प्रेक्टिसेस को अपने-अपने राज्यों में आवश्यकतानुसार अपनाने की इच्छा जाहिर की। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. संजय गोयल ने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए इस महती कार्यशाला आयोजन का दायित्व मध्यप्रदेश को प्रदान करने के लिए शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button