राजनीति

पश्चिम बंगाल : TMC नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी करने पहुंची थी टीम,ED की टीम पर हमला

कोलकाता
पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमले का मामला सामने आया है। ईडी की टीम पर यह हमला तब हुआ जब टीम राशन घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने के लिए जा रही थी। जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में स्थानीय लोगों ने हमला बोला। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों और उनके साथ आए सीआरपीएफ के जवानों को खदेड़ दिया। ईडी के अधिकारी सुबह से ही कोलकाता समेत कम से कम 15 जगहों पर छापेमारी की है।

वाहनों के तोड़ दिए कांच
ईडी के साथ मौजूद सीआरपीएफ की कार्रवाई के बाद गुस्साई भीड़ ने वाहन को चारों तरफ से घेर लिया।इसके बाद भीड़ के गुस्से को देखते हुए ईडी की टीम को मौके से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। सूचना के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हुए हमले में एक युवक को चोट भी पहुंची है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुरुआती जानकारी में बताया गया है कि ईडी की टीम टीएमसी नेता शाहजहां शेख के ठिकाने पर घुसने की कोशिश कर रही थी। इसी दौरान शाहजहां शेख के समर्थकों ने हमला बोला।

कौन है शाहजहां शेख?
टीएमसी से जुड़े शाहजहां शेख लंबे समय से एक राशन डीलर हैं। उन्हें राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी माना जाता है। ईडी के अधिकारियों का मानना है कि नेता के घर की तलाशी लेने पर राशन में हुए भ्रष्टाचार मामले से जुड़े दस्तावेज मिलेंगे। हमले के बाद फिलहाल ईडी को अभी कार्रवाई से पीछे लौटना पड़ा है। ईडी पश्चिम बंगाल में कई मामलों की जांच कर रही है। उनमें से राशन घोटाला भी एक मामला है।

खुले बाजार में बेचा 30 फीसदी राशन

राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में ईडी की छापेमारी कई महीनों से जारी है. प्रवर्तन निदेशालय ने पहले खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में भेज दिया गया. जांच एजेंसी ने कहा था कि राशन की कथित चोरी के बाद मिले पैसे मिल मालिकों और पीडीएस वितरकों के बीच बांटी गई.

किसानों के खोल दिए फर्जी बैंक खाते

चावल मिल मालिकों ने कुछ सहकारी समितियों सहित कुछ लोगों की मिलीभगत से किसानों के फर्जी बैंक खाते खोले और धान उत्पादकों को भुगतान की जाने वाली एमएसपी को अपनी जेब में डाल लिया. प्रमुख संदिग्धों में से एक ने स्वीकार किया कि चावल मिल मालिकों ने प्रति क्विंटल लगभग 200 रुपये कमाए थे.

ज्योतिप्रिय मलिक के घर पर भी हुई रेड

इससे पहले राशन घोटाले के मामले में बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर भी ईडी छापेमारी कर चुकी है. ज्योतिप्रिय मलिक वन मंत्री बनने से पहले खाद्य मंत्री का कार्यभार भी संभाल चुक हैं. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने इस कथित घोटाले में चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. 2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले रहमान ने अगले दो वर्षों में तीन और कंपनियां खड़ी कर लीं. ईडी अधिकारियों के मुताबिक रहमान ने कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली और पैसे निकाले.

शिक्षक भर्ती घोटाले में अरेस्ट हो चुके हैं मंत्री

बता दें कि टीएमसी के नेताओं पर ईडी की छापेमारी पहले भी होती रही है. भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जांच एजेंसी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ कर चुकी है. बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में 2022 में गिरफ्तार किया जा चुका है.

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