छत्तीसगड़

वृक्ष की तरह दिखने लगे बिजली खंभे, नहीं हो रहा मेंटेनेंस, बिजली समस्या से जूझ रहे शहरवासी

बिलासपुर

 शहर में बिजली मेंटेनेंस पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। बिजली वितरण कंपनी लटकते तार को ठीक कर रही है और न तार के संपर्क में आने वाले वृक्षों की छंटाई कर रही है। एक नजारा तो हैरान करने वाला है। अधिकांश बिजली खंभों को पत्तियां व बेल इस तरह जकड़ चुके हैं कि वह खंभे कम वृक्ष ज्यादा नजर आते हैं। शहर में बिजली सप्लाई व्यवस्था कितनी बदतर है किसी को बताने की जरूरत नहीं है।

बिजली बिल भुगतान करने के बाद भी बेहतर सुविधा नहीं
हालत यह है कि आम उपभोक्ता के सामने बिजली समस्या की चर्चा होने लगे तो वह कंपनी को खूब कोसते नजर आते हैं। उनकी नाराजगी जायज भी है। हर माह पूरा बिजली बिल भुगतान करने के बाद बेहतर सुविधा नहीं मिलेगी तो इस तरह की नाराजगी होगी ही। शहरवासी सालभर से बिजली बंद की समस्या से जूझ रहे हैं। इसकी वजह कंपनी के अधिकारी कभी स्टाफ की कमी तो कभी संसाधन का अभाव बताते हैं। ऐसे कई बहाने कंपनी के पास हैं, जिसका हवाला उपभोक्ताओं को दिया जाता है। जबकि हकीकत यह है कि कंपनी मेंटेनेंस ही नहीं करती। इसका जीता-जागता उदाहरण बिजली खंभे की अव्यवस्था है।

लोहे के खंभे कम और वृक्ष अधिक नजर आते
शहर के किसी भी हिस्से में चले जाइए, वहां के खंभों की हालत यह है कि वह लोहे के खंभे कम और वृक्ष अधिक नजर आते हैं। कंपनी को इतनी फुर्सत नहीं है कि इन वृक्षों को जकड़े बेल या पत्तियों की सफाई कराए। बेल, पत्तियां तार व अन्य उपकरणों को इस कदर जकड़ चुके हैं कि इसकी वजह से आए दिन चिंगारी उठती है तो फिर कई बार जंपर कटने के कारण क्षेत्र में बिजली बंद हो जाती है। आग लगने की घटनाएं आम बात हो गई हैं।

उच्चाधिकारियों को निरीक्षण करने की फुर्सत नहीं
मंगला, मोपका, उसलापुर, नेहरू नगर, विकास नगर, व्यापार बिहार, जरहाभाठा ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां बिजली खंभों में यह अव्यवस्था देखी जा सकती है। उपभोक्ता शिकायत भी करते हैं। लेकिन, मैदानी अमला मेंटेनेंस के नाम पर केवल औपचारिकता पूरी करते हैं। उच्चाधिकारी भी कभी ऐसी समस्याओं का निरीक्षण करने के लिए नहीं जाते।

वर्जन
    बरसात की वजह से ऐसी स्थिति हुई है। जैसे ही यह समाप्त होगी मेंटेनेंस का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। इस दौरान झाड़ियों व बेल की छंटाई की जाएगी। हर साल दीपावली पूर्व मेंटेनेंस किया जाता है। इस बार पूरी तैयारी है। जहां ज्यादा समस्या है, वह स्टाफ को भेजकर सफाई कराई जाएगी।
    – पीके साहू, अधीक्षक यंत्री बिजली वितरण कंपनी

 

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