स्वस्थ-जगत

भारतीय बदलें अपनी इन आदतों को, जाने क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले

मुंबई

पिछले एक साल में हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामलों ने भारतीयों को खौफ से भर दिया. भारत में 12 साल के बच्चों से लेकर 45 साल तक की उम्र के लोगों ने हार्ट अटैक से अपनी जान गंवाई. भारत ही नहीं कोरोना के बाद एकाएक बढ़ी दिल की बीमारियों ने पूरी दुनिया को चिंताओं से भर दिया. हार्ट डिसीस वैश्विक स्तर पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनकर उभरी है. जबकि कुछ दशकों पहले तक हार्ट की बीमारियों को उम्रदराज लोगों की बीमारी के तौर पर जाना जाता था लेकिन हालिया मामलों ने हर किसी को हैरान कर दिया. कम आयु के लोग भी इसका अधिक शिकार बन रहे हैं.

क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के केस
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में हार्ट की समस्याओं के केस सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 महामारी ने लोगों की जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित किया है. लोगों के बीच फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और अवसाद में बढ़ोत्तरी और खराब खानपान की आदतें भी बढ़ी हैं. साल 2023 के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ वर्षों में विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले अधिक दर्ज किए गए हैं.

डॉक्टरों ने बताई वजह

पिछले तीन वर्षों में दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों में तेज वृद्धि हुई है जो संभवता भारत में कोविड-19 महामारी के स्थायी प्रभावों से जुड़ी है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि अकेले 2022 में दिल के दौरे के मामलों में 12.5% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

चौंका देंगे आंकड़े

एनसीआरबी की नवीनतम 'भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या' रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि 2022 में दिल के दौरे से 32,457 लोगों की मौत हुई, जो पिछले वर्ष दर्ज की गई 28,413 मौतों से काफी बड़ा आंकड़ा है.

भारत समेत दुनिया भर के विशेषज्ञों ने हृदय के स्वास्थ्य के पीछे कोरोना महामारी के संभावित प्रभाव को खुलकर स्वीकार किया है.

फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ. संजीव गेरा ने कुछ दिन पहले इंडिया टुडे को बताया था, 'हालिया समय में दिल के दौरे से पीड़ितों में अधिकांश 25 से 45 वर्ष की आयु के बीच पाए गए हैं.'

डॉ. संजीव गेरा ने कहा, ज्यादा नमक वाला आहार, धूम्रपान, तनाव के स्तर में वृद्धि, निष्क्रिय जीवनशैली, नींद ना आना और प्रोसेस्ड फूड की खपत के कारण लोगों के बीच हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा इस दौरान लोग प्रीडायबिटीज, प्री-हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापे का शिकार हो रहे हैं, यह भी हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह है.

लाइफस्टाइल बचा सकती है जिंदगी

उन्होंने कहा कि वास्तव में प्रीडायबिटीज, प्री-हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं परिवर्तनीय और रोके जाने योग्य हैं लेकिन विशेष रूप से कोविड के बाद जो हो रहा है वह यह है कि हम दो साल से अधिक समय तक अपने घरों में बेड और कुर्सियों से चिपके रहे. इसकी वजह से साइलेंट हार्ट डिसीस ने लोगों के शरीर में घर कर लिया है.

डॉ. गेरा ने कहा, "हमारे खराब खान-पान, जीवनशैली, शारीरिक गतिविधि या व्यायाम की कमी इस प्रभाव को बढ़ा रही है."

उन्होंने कहा, ''दूसरी महत्वपूर्ण चीज़ है आनुवंशिकी (जेनेटिक्स). भारतीय होने के नाते हमारी अनुवांशिकी बहुत अच्छी नहीं है. हमारी धमनियां छोटे आकार की हैं जिनके अवरुद्ध होने का खतरा अधिक होता है, जब भी उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च शर्करा, उच्च रक्तचाप, मोटापा, धूम्रपान का तनाव, निष्क्रिय जीवनशैली और बहुत कुछ जैसे जोखिम कारक पैदा होते हैं तो आप हृदय रोग से ग्रस्त हो जाते हैं.''

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता खराब होती जा रही है. इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम और बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है. यह हमारे जीन में घुस चुकी है क्योंकि हमारा आहार प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट और वसा से भरपूर है और हम बहुत कम प्रोटीन खाते हैं.

हार्ट अटैक की यह भी वजह

दिल्ली के शालीमार बाग स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के प्रिंसिपल कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी एंड हार्ट डिपार्टमेंट की डॉ. राशि खरे इंडिया टुडे से पहले हुई बातचीत में कहा था कि जिन लोगों को कोविड-19 हुआ है, उन्हें हृदय रोग का खतरा अधिक हो सकता है और इसलिए उन्हें अत्यधिक व्यायाम से बचना चाहिए.

उन्होंने कहा था, यह वायरस हृदय प्रणाली के लिए काफी नुकसानदायक है जिससे मायोकार्डियल सूजन हो सकती है और रक्त के थक्कों का खतरा बढ़ सकता है. अधिक काम करने या जोरदार व्यायाम करने से हृदय पर दबाव पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से अनियमित रूप से दिल की धड़कन बढ़ना या सूजन जैसी परेशानी हो सकती हैं और यह दोनों कंडीशन ही खतरनाक हैं.

डॉ. खरे ने सुझाव दिया कि लंबे समय तक खड़े रहना, भारी सामान उठाना या कोई कठिन शारीरिक परिश्रम जैसी गतिविधियां भी हानिकारक हो सकती हैं.

हृदय रोग से बचने के लिए ये तरीके आजमाएं

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कुछ तरीके बताएं हैं जिन्हें आज के समय में हर किसी को फॉलो करना चाहिए.
1.शराब और धूम्रपान के सेवन से बचें.
2. अपनी डाइट में पोषण से भरपूर चीजें शामिल करें.
3.नॉन वेजिटेरियन की जगह प्लांट बेस्ड डाइट का सेवन अधिक करें.
4.सक्रिय रहें और नियमित व्यायाम की आदत डालें
5.वजन को कंट्रोल रखें.
6.कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और ब्लडप्रेशर के मरीज नियमित जांच कराएं.
7.तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं को गंभीरता से लें और डॉक्टर से परामर्श करें.

 

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