मध्यप्रदेश

ग्वालियर में 14 से 18 दिसंबर के बीच ‘तानसेन समारोह-2024’, अन्य राज्यों में भी संगीत कार्यक्रम की तैयारी

ग्वालियर

ग्वालियर में 14 से 18 दिसंबर के बीच 'तानसेन समारोह-2024' होने जा रहा है। ऐसा पहली बार होगा जब यह मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के मुख्य शहरों में भी इसके लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

ग्वालियर में शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव 'तानसेन समारोह' का यह 100वां वर्ष है। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत कला अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति पारिषद द्वारा यह समारोह आयोजित किया जाता है।

संस्कृति विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन शहरों में संबंधित सरकारों से बातचीत की जा रही है, वहां की सरकारों के सहयोग से इस बार तानसेन समारोह में कई तरह के पूर्वरंग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

इसमें गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों के मुख्य शहरों का शेड्यूल जल्द ही संस्कृति विभाग जारी करेगा। इसके अलावा विदेशी कलाकार भी इस बार समरोह में कई तरह की प्रस्तुतियां देंगे। अभी तक की जानकारी के अनुसार 20 से अधिक देशों के कलाकार यहां प्रस्तुति दे सकते हैं।

तानसेन की जन्‍म स्‍थली बेहट

ग्‍वालियर से लगभग 45 किलोमीटर दूर बेहट ग्राम है, जो तानसेन की जन्‍मस्‍थली कही जाती है। संगीत-सम्राट तानसेन की स्‍मृति में इस स्‍थान पर भी एक छोटे से कार्यक्रम का आयोजन समारोह के अनुक्रम में किया जाता है।

समारोह में भाग लेने वाले कलाकारों में इच्‍छुक कलाकार स्‍थानीय संगीत विद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ वहां जाकर संगीत सम्राट के जन्‍म-स्‍थान पर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं और ग्रामीण जनता को संगीत कला से परिचित कराते हैं। इस आयोजन को सफल बनाने में बेहट ग्राम के निवासियों तथा ग्राम एवं जनपद पंचायत का मूल्‍यवान सहयोग मिलता है।

होंगे यह नाट्य प्रदर्शन

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन और अवदान पर केंद्रित महानाट्य का प्रदर्शन ।

    नाट्य मध्यप्रदेश नाट्‌य विद्यालय, भोपाल की तानसेन पर केंद्रित एक विशिष्ट नाट्य प्रस्तुति।

मुख्‍य समारोह ग्‍वालियर में ये होगा

    राष्‍ट्रीय तानसेन सम्‍मान अलंकरण
    दैनिक सांगीतिक सभाएं
    नाट्य प्रदर्शन
    संवाद सत्र
    डाक टिकट का विमोचन
    पुस्‍तक/स्‍मारिकाओं का विमोचन
    प्रदर्शनी

बचपन में गूंगे थे तानसेन, क्यों बदल लिया था अपना धर्म देश के महान संगीतकार तानसेन ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। कहा जाता है कि बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। ये भी कहा जाता था है कि पांच साल की आयु तक तानसेन गूंगे थे, संगीताचार्य गुरु हरिदास ने उन्हें अपना शिष्य बनाया और उनको संगीत की शिक्षा दी। कला के पारखी अकबर ने उन्हें अपने नवरत्नों में स्थान देकर सम्मानित किया था। माना जाता है कि उनके सामाजिक व्यवहार के कारण उनका बहिष्कार कर दिया गया था इस कारण से उन्होंने धर्म बदल लिया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button