उत्तर प्रदेश

कानपुर रनियां क्षेत्र में आग लगने से एक भीषण हादसा, हादसे 6 मजदूरों की मौत

कानपुर
उत्तर प्रदेश के कानपुर रनियां क्षेत्र में आग लगने से एक भीषण हादसा हो गया। यहां पर एक गद्दा फोम फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। जिससे छह लोगों की जलकर मौत हो गई। गोदाम में आग लगने की वजह एलपीजी यूनिट रोल में चिंगारी बताई जा रही है। इसके बाद धमाका होने से शेड ढह गया। पुलिस जांच में सामने आया कि गोदाम में ऊपर तक फोम के बंडल भरे पड़े थे। इसलिए जब आग लगी तो फोम होने के कारण इतना तेजी से जले कि किसी को भागने का मौका नहीं मिल सका, जो किनारे थे वह भी आग की चपेट में आए और गिरते पड़ते बाहर निकल सके।

जानिए पूरी घटना
कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि यह घटना शनिवार की है। उन्होंने बताया कि रनिया के खानपुर खड़ंजा रोड पर शनिवार को आरपी पॉलीप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई, जिसके कारण एलपीजी गैस सिलेंडर से फैक्टरी में विस्फोट हो गया और छत ढह गई। उन्होंने बताया कि फैक्टरी के निदेशक शिशिर गर्ग ने दमकल केंद्र को सूचित किया, जिसके बाद अग्निशमन गाड़ियां भेजी गयी। बताया कि अग्निशमन कर्मियों ने शनिवार को तीन किशोर मजदूरों के पूरी तरह से जले हुए शव बरामद किए। देर शाम को अमित (19) नाम के एक मजदूर ने लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि अजीत (16) और विशाल (20) ने लखनऊ के एसजीपीजीआई में अंतिम सांस ली।

मामले की जांच कर रही है पुलिस  
एसपी ने बताया कि मनोज (18), प्रियांशु (19) और लव-कुश (19) अभी तक लापता हैं। गंभीर रूप से झुलसे लोगों को लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से मजदूरों को उनकी गंभीर स्थिति के बाद लखनऊ के एसजीपीजीआई में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने फैक्टरी के तीनों निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक इस संबंध में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

परिसर में आग से बचाव के लिए नहीं किए जरूरी इंतजाम
जानकारी के मुताबिक, इंवेस्टर्स समिट में एमओयू के बाद करीब डेढ़ साल पहले मानकों को दरकिनार कर फैक्टरी में उत्पादन शुरू कर दिया गया। फैक्टरी के निर्माण के दौरान प्रोविजनल (अस्थायी) प्रमाणपत्र तक नहीं लिया गया। परिसर में आग से बचाव के जरूरी इंतजाम तक नहीं किए गए। दिखावे के लिए हाइड्रेंट लाइन और ट्रैक बनाया गया है। टैंक से पानी उठाने के लिए एक भी पंपिंग सेट नहीं लगाया गया। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

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