सरकार की जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए बड़ी योजना, राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री कोचिंग
जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सरकार की बड़ी योजना
सभी जनजातीय विकासखंडों में रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी स्थापित की जायेगी
विद्यार्थियों को मिलेगी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री कोचिंग
भोपाल
जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिये राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। जनजातीय विद्यार्थियों को बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित कराने के लिये फ्री कोचिंग दी जायेगी। इसके लिये सरकार प्रदेश के सभी जनजातीय विकासखंडों में रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। इस प्रशिक्षण अकादमी के जरिये जनजातीय विद्यार्थियों को जेईई, नीट, क्लेट और यूपीएससी जैसी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर की बड़ी परीक्षाओं के लिए फ्री कोचिंग देकर इन्हें परीक्षाओं में सफल होने के गुर सिखाए जायेंगे। वर्तमान में जनजातीय विद्यार्थियों को आकांक्षा योजना के अंतर्गत जेईई, नीट, क्लेट की तैयारी के लिये भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में कोचिंग दी जा रही है। अखिल भारतीय सेवाओं की परीक्षा की तैयारी कराने के लिये निजी कोचिंग संस्थाओं द्वारा विद्यार्थियों को कोचिंग दी जा रही है। अब सभी ट्राईबल ब्लॉकों में जनजातीय विद्यार्थियों को इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री कोचिंग का लाभ देने के लिये योजना की संशोधित डीपीआर तैयार कर ली गई है। शासन से स्वीकृति मिलते ही रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी प्रारंभ कर दी जायेंगी।
मैपसेट के जरिये भी दिये जा रहे है कौशल प्रशिक्षण
जनजातीय कार्य विभाग के अधीन प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्था मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद् (मैपसेट) के माध्यम से वर्तमान में पीव्हीटीजी समूह एवं एसटी, एस.सी. विद्यार्थियों के लिये कई प्रकार के कौशल प्रशिक्षण भी संचालित किये जा रहे हैं। मैपसेट द्वारा पीव्हीटीजी समूह के 122 विद्यार्थियों के लिये आईसेक्ट के जरिये (मण्डला, डिण्डौरी, शहडोल, शिवपुरी एवं तामिया जिला छिंदवाड़ा में) एसटी वर्ग के 87 विद्यार्थियों के लिये (इंडस्ट्री बेस्ड, सेन्टर बेस्ड एवं सिपेट भोपाल में) तथा एससी वर्ग के 27 विद्यार्थियों के लिये (सिपेट भोपाल एवं ग्वालियर में), कुल 236 प्रशिक्षणार्थियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मैपसेट द्वारा गत वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 16 हजार 409 प्रशिक्षणार्थियों को कौशल प्रशिक्षित किया गया। इनमें से 8 हजार 287 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न कंपनियों/फर्मों में प्लेसमेंट मिल गया है। जारी वित्त वर्ष सहित आगामी वर्षों में में कुल 29 हजार 40 जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये मेपसेट तेजी से कार्य कर रहा है। इसको विभिन्न प्रशिक्षण संस्थाओं का एम्पैनलमेंट किया जा रहा है। इच्छुक संस्थाओं के साथ रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के प्रकाशन की कार्यवाही भी की जा रही है।
जनजातीय वर्ग के हित में जारी हैं सरकार के महती प्रयास
पोषण आहार अनुदान योजना के अंतर्गत प्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह (पीव्हीटीजी) बैगा, भारिया और सहरिया परिवार की महिला मुखिया को 'हर महीने 1500 रूपये' दिये जा रहे हैं। पोषणाहार के लिये अगस्त 2024 तक की राशि दी जा चुकी है।
जनजातीय समुदाय की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए सभी जनजातीय विकासखंडों में 'कला भवन' स्थापित किये जायेंगे। इसके लिये अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 में संशोधन लाने के प्रस्ताव पर विभाग की कार्यवाही चल रही है।
शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों, सेवाओं एवं सुविधाओं के सहज, सुगम और सुलभ क्रियान्वयन के लिए सभी जनजातीय विकासखंडों एवं जिलों में सिंगल विंडो की तर्ज पर जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए 'समर्पित डेस्क' स्थापित की जायेंगी। समर्पित डेस्क की स्थापना के लिये 30 अगस्त 2024 को ही सभी विभागीय सहायक आयुक्तों एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
सभी जनजातीय समुदायों के समग्र विकास एवं उनकी शिकायतों के समय पर समुचित समाधान के लिये 'बोर्ड' स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में शिकायत दर्ज करने एवं समाधान के लिये राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग गठित है। यह आयोग अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को भारतीय संविधान तथा विधि के अधीन दिये गये अधिकारों की रक्षा करता है। इस आयोग के कार्यक्षेत्र को अब और विस्तारित किया जायेगा। इसके लिये संभाग स्तर पर बोर्ड गठित करने के लिये विभागीय कार्यवाही की जा रही है।
प्रत्येक जनजातीय विकासखंड़ में 'एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय' (ईएमआरएस) की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही 3 हजार 800 शिक्षकों की भर्ती भी की जायेगी। वर्तमान में 89 जनजातीय विकासखंडों में से 50 विकासखंडों में एकलव्य विद्यालय संचालित हैं। आठ विकासखंडों में एकलव्य विद्यालय मंजूर तो हैं, परंतु स्थान के अभाव में संचालित नहीं है। शेष 31 जनजातीय विकासखंडों में एकलव्य विद्यालय खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजा गया है। भारत सरकार द्वारा कुल 1999 शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों पर पदस्थापना कर दी गयी है। इनमें से 1694 पदों पर अभ्यर्थियों द्वारा अपनी उपस्थिति दे दी गई है।
जनजातीय समुदाय के 'पूजा स्थलों का विकास, विस्तार एवं नवीनीकरण' के लिये अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 में संशोधन लाने के प्रस्ताव पर विभाग की कार्यवाही तेजी से चल रही है।