मध्यप्रदेश

प्रदेश के अंदर समर्थन मूल्य पर कृषि उपजों का क्रय कर उन्हें अपने गोदामों में रखता है, अब खराब हो रहे अनाज को प्रदेश के बहार बेचेगा

भोपाल
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के गोदामों में खराब हो रहे अनाज का विक्रय अब प्रदेश के बाहर गैर लाइसेंसी पार्टी को भी बेचा जा सकेगा। मार्कफेड प्रदेश के अंदर समर्थन मूल्य पर कृषि उपजों का क्रय कर उन्हें अपने गोदामों में रखता है। लंबे समय तक अनाज गोदामों में रखे रहने पर वह खराब हो जाता है। मार्कफेड अपने गोदाम में रखी कृषि उपज का विक्रय उन्हीं व्यापारियों को कर सकता था, जिनके पास मप्र के अंदर मंडी समिति में लाइसेंस है।

इसके अलावा किसी अन्य को अनाज बेचा नहीं जा सकता है। ऐसे में राज्य के बाहर के व्यापारी यह कृषि उपज क्रय नहीं कर पाते थे क्योंकि उनके पास लाइसेंस नहीं होता है। राज्य के अंदर के लाइसेंसी व्यापारी इन कृषि उपजों का क्रय करने में रुचि नहीं दिखाते हैं। इसके लिए मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड ने वर्ष 2019 में जारी नियमों में संशोधन कर नए प्रावधान किए हैं। इसके अनुसार मार्कफेड राज्य के बाहर के गैर लाइसेंसी व्यापारी को भी अपनी कृषि उपज बेच सकेगा और स्वयं से माल उठाने का परिवहन अनुज्ञा-पत्र पोर्टल से जारी किया जाएगा।

हर साल लाखों का अनाज हो जाता है खराब
मार्कफेड के गोदामों रखा लाखों रुपये का अनाज रखरखाव के अभाव में खराब हो जाता है। कई बार कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आई हैं, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते न कर्मचारियों पर कार्रवाई हो पाती है और न ही अनाज को खराब होने से बचाया जा सकता है। इसलिए अब मार्कफेड ने नया रास्ता निकालते हुए खराब अनाज को प्रदेश के बाहर खपाने की व्यवस्था कर ली है।

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