मध्यप्रदेश

स्वास्थ्य सेवाओं में लैंगिक भेदभाव दूर किया जा सकता है : मनोहर अगनानी

जबलपुर
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल और विजयाश्री आयुर्वेद कॉलेज,जबलपुर के संयुक्त तत्वाधान में विजयाश्री आयुर्वेद कॉलेज एंड हॉस्पिटल परिसर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यलय, भोपाल में पब्लिक हेल्थ विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक और भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत श्री मनोहर अगनानी जी ने ‘स्वास्थ्य सुविधाओं में व्याप्त लैंगिक असमानता की चुनौतियों और उनके समाधान’ पर व्याख्यान दिया।

यह व्याख्यान, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय,भोपाल द्वारा शुरू की गयी व्याख्यानमाला का पहली कड़ी थी। आगामी महीनों में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल ऐसे अन्य विषयों और मुद्दों पर मध्य प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर व्याख्यान आयोजित करेगा।

विजयाश्री आयुर्वेद कॉलेज के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुए इस व्याख्यान में आयुर्वेद, नर्सिंग और एडुकेशन के छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की। श्री मनोहर अगनानी ने उन्हें भविष्य के हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के तौर पर स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवाओं को सामाजिक-आर्थिक, राजनैतिक और तकनीति के तौर पर समझने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि –“स्वास्थ्य के सामाजिक पहलुओं को नज़रअंदाज़ करके इसकी मूल समस्याओं को नहीं समझा जा सकता। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच के मामले में अक्सर महिलाएं पीछे रह जा रही हैं तो इसकी वजह केवल स्वास्थ्य सेवाओं की कमी नहीं है बल्कि हमारा सामाजिक ढांचा ही कुछ ऐसा है जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं दी जाती”।

श्री अगनानी ने देश में तेज़ गति से स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहे नीतिगत सुधारों की सकारात्मक समीक्षा करते हुए आंकड़ों से यह बताया कि –“बावजूद इसके कि कितने ही तरह की स्वास्थ्य सेवाएँ सभी के लिए मुफ्त हो रही हैं लेकिन समाज की सक्रिय सहभागिता भी इनके साथ जुड़ जाये तो ये योजनाएँ अपने उद्देश्यों को प्राप्त पाएंगीं। इसमें हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की सबसे बड़ी भूमिका होगी।

श्री अगनानी ने आंकड़ों के जरिये एक दिलचस्प तथ्य की ओर इशारा किया कि बाल मृत्यु दर के मामले में अस्पताल में होने वाली ज़्यादातर मौतें बालकों की होती हैं जबकि घरों में होने वाली मौतों में लड़कियों की संख्या अधिक होती है जिससे समझा जा सकता है कि आज भी ज़्यादातर बेटियों स्वास्थ्य सुविधाएं कम सुलभ हैं। यह हमारी सामाजिक संरचना का मामला है जो हमारी सामाजिक जागरूकता बढ़ा कर कम किया जा सकता है।  

इसलिए हेल्थ केयर से जुड़े तमाम पहलुओं में हमें सामाजिक संरचना और सामाजिक व्यवहार को ध्यान में रखना चाहिए। छात्र-छात्राओं के साथ हुए सवाल-जबाव के दौरान श्री अगनानी ने समाज में व्याप्त तमाम मिथ और भ्रम को वैज्ञानिक नज़रिये से देखने और समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस व्याख्यान में करीब 150 छात्र -छात्राओं के अलावा कॉलेज के प्राध्यापकों ने भी शिरकत की। धन्यवाद ज्ञापन विजया श्री आयुर्वेद कॉलेज के संस्थापक श्री राजेश स्थापक ने किया। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के बारे में समग्रता से एक परिचय सत्र संचालन के दौरान अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के सत्यम श्रीवास्तव ने किया। 

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