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आतिशी बनीं दिल्ली की एक्सीडेंट CM, AAP ने किया बड़ा ऐलान

नईदिल्ली

दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी होंगी. वे दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. वे अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में सबसे हैवीवेट मंत्री रही हैं. उनका नाम सबसे आगे चल रहा था. विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है. मंगलवार सुबह से AAP संयोजक केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. इसमें सर्वसम्मति से नए नेता सदन का चुनाव किया गया. आतिशी पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं.

आतिशी साल 2020 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुनी गईं और 2023 में पहली बार केजरीवाल सरकार में मंत्री बनीं. अब सालभर बाद ही 2024 में वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. इससे पहले वो 2019 में पूर्वी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं और बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों से हार गई थीं और तीसरे नंबर पर आईं थीं.

आतिशी को केजरीवाल का करीबी सहयोगी और विश्वासपात्र माना जाता है. वे अन्ना आंदोलन के समय से संगठन में सक्रिय हैं. इस समय उनके पास सबसे ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी है और जब मार्च में केजरीवाल जेल गए, तब से वो पार्टी से लेकर सरकार तक के मसले पर मोर्चा संभाले देखी गई हैं. मुख्यमंत्री को लेकर जिन अन्य नामों की चर्चा चल रही थी, उनमें कैलाश गहलोत, गोपाल राय और सौरभ भारद्वाज का नाम भी शामिल था.

जानिए आतिशी के बारे में…

आतिशी साल 2020 में पहली बार कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11 हजार 393 वोटों से हराया था. आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ. उनके पिता नामविजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं. आतिशी ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली स्प्रिंगडेल स्कूल से की. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री से स्टडी की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की. ​​कुछ साल बाद उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की. उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए, जहां वो जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों से जुड़ीं. उन्होंने वहां कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम किया, जहां उनकी पहली बार AAP के कुछ सदस्यों से मुलाकात हुई और वो पार्टी की स्थापना के समय ही शामिल हो गईं.

AAP की नीतियों को आकार देने में निभाई बड़ी भूमिका

आतिशी 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणापत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थीं. उन्होंने 'पार्टी के गठन के शुरुआती दौर में इसकी नीतियों को आकार देने' में अहम भूमिका निभाई. इसके अलावा आतिशी ने पार्टी प्रवक्ता के तौर पर दमखम से पक्ष रखा. केजरीवाल की तरह वो मनीष सिसोदिया की भी करीबी हैं. उन्होंने सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी  काम किया और उनकी गैरमौजूदगी में शिक्षा मंत्रालय का भी काम संभाला.

दिल्ली पुलिस से भिड़ना हो या फिर केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी के दौरान तमतमाना, पार्टी का रुख रखना हो या फिर MCD के स्कूलों में छापेमारी कर निरीक्षण करने की वजह से आतिशी सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं. हाल ही में जब केजरीवाल तिहाड़ जेल में थे और स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया जाना था तब उन्होंने अपनी जगह आतिशी का नाम आगे बढ़ाया था और उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी. दो दिन पहले जब केजरीवाल ने खुले से अपने इस्तीफे का ऐलान किया, तब भी उन्होंने उस चिट्ठी और आतिशी के नाम का जिक्र किया था.

केजरीवाल चाहते थे कि आतिशी उनकी जगह झंडा फहराएं. जबकि LG ने कैलाश गहलोत को चुना था. उस समय कैलाश गहलोत ने भावुक होते हुए अपने नेता को 'आधुनिक स्वतंत्रता सेनानी' बताया था.

2023 में पहली बार मंत्री बनी थीं आतिशी

केजरीवाल ने खुद पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने से पहले ही आतिशी को ना सिर्फ 9 मार्च 2023 को कैबिनेट मंत्री बनाया था, बल्कि सबसे ज्यादा मंत्रालय भी दिए थे. आतिशी ना सिर्फ दिल्ली सरकार में इकलौती महिला मंत्री हैं, बल्कि उनके पास इस वक्त दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय भी हैं. वे ही शिक्षा विभाग, PWD, जल विभाग, राजस्व, योजना और वित्त विभाग संभाल रही हैं. महिला वोट और महिलाओं से जुड़े केजरीवाल के आगे के वादों को ध्यान में रखते हुए भी आतिशी का नाम अहम माना जा रहा है.

आतिशी ने जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक शिक्षा के लिए मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में कार्य किया है. आतिशी 2015 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह में भी शामिल रही हैं. वे विरोध प्रदर्शनों के साथ-साथ कानूनी लड़ाई के दौरान भी एक्टिव रहीं. 2020 के विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी ने आतिशी को गोवा का प्रभारी बनाया.

कौन हैं आतिशी?

आतिशी का जन्म दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से की. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास में ग्रेजुएशन और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में शेवनिंग छात्रवृत्ति पर मास्टर की डिग्री हासिल की. ​कुछ साल बाद, उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की.

आतिशी का राजनीतिक सफर

आतिशी आप की स्थापना के समय ही पार्टी में शामिल हो गई थीं. वह 2013 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की घोषणापत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थीं. आप का कहना है कि उन्होंने पार्टी के गठन के शुरुआती दौर में इसकी नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी. आतिशी आप प्रवक्ता भी रहीं. उन्होंने जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर काम किया और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए कई योजनाओं पर काम किया.

आतिशी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया. वह बीजेपी के प्रत्याशी गौतम गंभीर से 4.77 लाख मतों से हार गईं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली थी जीत साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के टिकट पर कालकाजी क्षेत्र से चुनाव जीता और बीजेपी प्रत्याशी को 11 हजार से अधिक मतों से मात दी. पार्टी में आतिशी के बढ़ते सियासी कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2020 के चुनाव के बाद उन्हें आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई का प्रभारी बनाया गया और अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से उन्हें अपने सबसे भरोसेमंद सिपहसालार की जगह दी है.

 

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