मध्यप्रदेश

सागर में कुएं में लटकी मिलीं देवरानी-जेठानी,नानी-नातिन की लाशें पानी में मिलीं; छोटे भाई की पत्नी ने सालभर पहले किया था सुसाइड

सागर
 मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। घटना देवरी की बताई जा रही है। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से सनसनी फैल गई है। इसमें तीन महिलाएं और एक बच्ची कुएं में मृत पाई गई हैं। दो महिलाओं के शव फांसी के फंदे से लटके मिले हैं। वहीं एक बुजुर्ग महिला और बच्ची का शव पानी में मिला है।

पुलिस को शक है कि यह मामला सामूहिक आत्महत्या का हो सकता है। पर उनका कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा। घटना शनिवार सुबह की बताई जा रही है।

आपस में परिवार थे चारों मृतक

मृतकों की पहचान आरती लोधी, भारती लोधी, भागवती बाई और रोमिका लोधी के रूप में हुई है। आरती और भारती देवरानी-जेठानी थीं। भागवती बाई भारती की मां थीं और रोमिका भारती की बेटी थी। घटना के बाद से पूरे इलाके में सन्नाटा पसर गया है। इतने बड़े हादसे के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।

मामले की जांच में जुटी पुलिस

पुलिस को सुबह करीब 10 बजे घटना की सूचना मिली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कुएं से बाहर निकलवाया। शवों को पीएम के लिए भेज दिया गया है। वहीं पुलिस घटना के पीछे के असल कारणों की जांच करने में जुट गई है। पुलिस सभी पहलुओं से घटना की पड़ताल कर रही है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि यह मामला सामूहिक आत्महत्या का है या फिर हत्या का।

साल भर पहले परिवार की छोटी बहू ने किया था सुसाइड

परिवार के सदस्य सुरेंद्र लोधी ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे गांव के ही रहने वाले किशोर लोधी ने सूचना दी थी। इसके बाद सरपंच और पुलिस को बताया। हम और गांव वालों के साथ मौके पर पहुंचे। सुरेंद्र ने बताया कि एक साल पहले छोटे भाई सोनू लोधी की पत्नी ने जहर खाकर सुसाइड किया था।

मामले में पति सोनू अपने बड़े भाई के साथ जेल में है

मामले में पुलिस ने परिवार के सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में सोनू और अपने बड़े भाई करोड़ी के साथ जेल में हैं। करोड़ी आरती का पति है। वहीं, भारती का पति किशोरी फरार है। सोनू के ससुराल वाले परिवार को लगातार परेशान कर रहे थे। आए दिन घर आकर धमकी देते थे। मारपीट और गाली-गलौज करते थे। शुक्रवार रात करीब 10 बजे भी घर आकर विवाद किया था। डर के मारे मैं रात में घर भी नहीं गया था।

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