मध्यप्रदेश

सेना के अधिकारियों को बनाया बंधक, महिला मित्र से गैंगरेप किया, 10 लाख फिरौती मांगी

इंदौर

 इंदौर में पर्यटक स्थल जामगेट पर बड़ी घटना हो गई। यहां अपनी महिला मित्रों के साथ देर रात आर्मी के अधिकारी घूमने आए थे। यहां पर शूटिंग रेंज भी है जहां सभी आपस में बैठकर बातें कर रहे थे। तभी कुछ बदमाश आए और सभी को बंधक बना लिया। इसके बाद सेना के अधिकारियों की जमकर पिटाई की। एक अफसर व एक युवती को बंधक बना लिया और साथी अफसर के साथ एक युवती को छोड़ दिया। इन्हें बोला कि 10 लाख रुपए लेकर आओ तभी इन दोनों को छोड़ेंगे। बदमाशों के चंगुल से छुटकर आए अधिकारी और महिला ने अपनी आर्मी यूनिट और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचते ही बदमाश दोनों बंधकों को छोड़कर भाग निकले। जिस महिला मित्र को बंधक बनाया था उसके साथ गैंगरेप की आशंका है। पुलिस अधिकारियों ने आर्मी अफसर के बयान के हवाले से पहले गैंगरेप होने की बात कही लेकिन अब जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होने की बात कह रही है। घायल सेना के अधिकारियों और महिला मित्रों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना मंगलवार देर रात 2.30 बजे घटी थी। बुधवार शाम को महिलाओं को होश आया। ग्रामीण एसपी हितिका वासल के अनुसार आर्मी के अधिकारियों के बयान के आधार पर लूट, मारपीट, फिरौती व सामूहिक दुष्कर्म की आशंका में केस दर्ज किया है।

आरोपियों को पकड़ने के लिए दस टीमें बनाई गई

पुलिस के अनुसार, दो आर्मी अफसर (Army Officer) अपनी महिला मित्रों के साथ देर रात जामगेट (Jam Gate) से आगे टेकरी पर गए थे। वे करीब दो-ढाई घंटे वहीं थे। इस बीच छह बदमाश वहां आए और मारपीट करने लगे। बदमाशों ने उनसे 10 लाख रुपए मांगे। अफसरों ने कहा, इतने रुपए नहीं हैं तो बदमाश रुपए का इंतजाम करने के लिए एक अफसर को जाने देने को तैयार हो गए। एक युवती को भी मदद के लिए जाने दिया। दूसरे अफसर व उनकी मित्र को बंधक बना लिया। जब तक देर तक कोई रुपए लेकर नहीं लौटा तो बदमाश दोबारा गुस्से में बंधकों से मारपीट करने लगे। उधर, रुपए के इंतजाम के लिए युवती के साथ छोड़े गए अफसर ने पहले अपनी यूनिट को घटना की जानकारी दी और वहां से पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस गाड़ियों की लाइट देखते ही बदमाश दोनों बंधकों को छोड़कर भाग खड़े हुए। ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने बताया, अफसर के बयान पर लूट, मारपीट, फिरौती व सामूहिक दुष्कर्म की आशंका में केस दर्ज किया है। घटना में छह आरोपी शामिल हैं, जिनके नाम सामने आ गए हैं। दो को हिरासत में लिया गया है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं।

प्रतिबंधित क्षेत्र में बैठे थे दोनों अफसर
जाम गेट के मुख्य मार्ग से आधा किमी अंदर प्रतिबंधित क्षेत्र फील्ड फायरिंग रेंज है। यहां सेना के वाहन की आवाजाही के लिए रास्ता बनाया गया है, लेकिन कई बार पर्यटक भी क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। दो अफसर अपनी महिला मित्रों के साथ इसी रास्ते से अंदर पहुंचे थे। अंधेरा व वीरान स्थान होने की वजह से बदमाशों ने फायदा उठाया और वारदात को अंजाम दिया।

दूर से ही गाड़ियों की रोशनी देख भागे बदमाश
सूचना पर एएसपी रूपेश द्विवेदी ने तत्काल बड़गोंदा थाना प्रभारी लोकेंद्रसिंह हिहोर को सेना के अफसरों के साथ मौके पर भेजा। वीरान व सन्नाटे वाली जगह होने की वजह से पुलिस की गाड़ियां बदमाशों को दूर से ही दिखाई दे गई और वे भाग निकले। पुलिस ने बुधवार सुबह मध्यभारत अस्पताल में चारों का मेडिकल टेस्ट कराया। दोनों ही युवतियां बहुत ज्यादा डरी और सहमी होने से उस समय बयान नहीं दे सकी। पुलिस ने सेना के अधिकारी के बयान के आधार पर पूरा केस दर्ज किया।

स्थानीय बदमाशों के शामिल होने की आशंका
पुलिस ने घटनास्थल पर एक्टिव मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस करने के साथ ही आसपास के इलाकों में सर्चिग की। इसमें पांच से ज्यादा टीआई दिनभर जुटे रहे। पुलिस को महू तहसील के ही जाम गेट के आसपास के गांवों के ही स्थानीय बदमाशों के शामिल होने के आशंका है। पुलिस ने बुधवार देर रात मामले में दो संदिग्ध बदमाशों को हिरासत में लिया है।

डीआईजी ने कहा गैंगरेप हुआ, अब बोले जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी
बुधवार को दिन में महिलाएं बयान देने की स्थिति में नहीं थी तब आर्मी ऑफिसर ने बंधक बनाई गई अपनी महिला मित्र के साथ रेप की आशंका जताई थी। पुलिस ने भी गैंग रेप की पुष्टि की थी। बुधवार को DIG निमिष अग्रवाल ने भी गैंग रेप की पुष्टि की लेकिन रात में एडिशनल डीसीपी रूपेश द्विवेदी ने कहा कि पीड़िता ने होश में आने पर गैंग रेप की बात को नकार दिया है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जाएगा।

पहले भी कई घटनाएं हो चुकी, जागरूकता का अभाव
पहले भी महू और चोरल क्षेत्र में रेप और लूटपाट की कई घटनाएं हो चुकी हैं। देर रात लोग यहां पर घूमने आते हैं, जिन्हें आसपास के गांवों के लुटेरे शिकार बना लेते हैं। पुलिस कई बार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाती रही है लेकिन फिर भी लोगों की लापरवाही की वजह से वे इन लुटेरों का शिकार बन जाते हैं। 

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