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राजस्थान के अधिकतर हिस्से कड़ाके की सर्दी और कोहरे की चपेट में

पंजाब, हरियाणा के कई हिस्सों में सर्दी का सितम जारी

चंडीगढ़
 पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में बुधवार को भी सर्दी का सितम जारी रहा और बठिंडा में तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। मौसम कार्यालय ने यह जानकारी दी।

मौसम कार्यालय के अनुसार, पंजाब के पटियाला में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री, अमृतसर में 8.3 डिग्री, लुधियाना में आठ डिग्री और फरीदकोट में 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

हरियाणा के हिसार में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री, करनाल में आठ डिग्री, नारनौल में 7.5 डिग्री और भिवानी में न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस रहा ।

मौसम अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों में कई स्थानों पर बुधवार को सुबह कोहरा भी छाया रहा।पिछले सप्ताह इसे क्षेत्र में सुबह के समय घना कोहरा दर्ज किया जा रहा था।पिछले दो दिनों के दौरान क्षेत्र के अधिकतम तापमान में भी भारी गिरावट देखी गई है।

राजस्थान के अधिकतर हिस्से कड़ाके की सर्दी और कोहरे की चपेट में

जयपुर
राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और बुधवार  की सुबह की शुरुआत भी घने कोहरे के साथ हुई। मौसम विभाग के अनुसार राजधानी जयपुर सहित राज्य के अनेक हिस्सों में घना कोहरा छाया हुआ है।

मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, बुधवारको सुबह भी राज्य के कुछ भागों में घने से अति घना कोहरा छाया रहा। राजधानी जयपुर के हवाई अड्डे पर आज एक बार फिर दृश्यता (विजिबिलिटी) 50 मीटर दर्ज की गई।

बीते चौबीस घंटे में राज्य के कुछ भागों में शीत दिन जबकि अलवर, बीकानेर, गंगानगर और हनुमानगढ़ में ‘अति शीत दिन’ दर्ज किया गया। बीती रात न्यूनतम तापमान सीकर में 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं फलोदी में यह 4.8 डिग्री, करौली में 5.2 डिग्री, जैसलमेर में 5.4 डिग्री, पिलानी में 5.7 डिग्री, सिरोही में 6.0 डिग्री, धौलपुर में 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी जयपुर में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

संगरिया और गंगानगर में दिन का अधिकतम तापमान क्रमश: 11.5 डिग्री व 11 डिग्री सेल्सियस रहा।

कड़ाके की सर्दी का असर सामान्य जनजीवन पर पड़ा है। अनेक जगह लोग अलाव जला कर सर्दी से बचने की कोशिश करते नजर आए। घने कोहरे के कारण राजमार्गों व अन्य प्रमुख मार्गों पर वाहन धीमी गति से चलते दिखे। मौसम केंद्र के अनुसार, राज्य में सर्दी का यह दौर अभी जारी रहने का अनुमान है।

जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड, डल लेक पर बर्फ की परत

अनंतनाग

कश्मीर घाटी में शीत लहर के प्रकोप के साथ न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है और जलाशयों में पानी जम गया है। मौसम कार्यालय ने को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि  मंगलवार रात श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जिससे डल झील की सतह पर बर्फ की एक पतली परत बन गई है।

‘हाउसबोट’ में रहने वाले स्थानीय निवासियों को अपनी नौकाओं को किनारे पर लाने के लिए बर्फ की परत तोड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

अत्यधिक शीत लहर के कारण कश्मीर के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति करने वाले पाइप के अंदर पानी जम गया है।

उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस नीचे था।

अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग स्कीइंग रिसॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से 4 डिग्री नीचे, काजीगुंड में 4.4 डिग्री नीचे, कोकेरनाग शहर में 2.7 डिग्री नीचे और कुपवाड़ा में 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि कश्मीर में लंबे समय से मौसम स्थिर बना हुआ है और अगले छह दिनों तक बारिश का कोई अनुमान नहीं है। दिसंबर में बारिश 79 फीसदी की कमी हुई।

कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाके में बर्फबारी नहीं हुई और मौसम शुष्क रहा। घाटी के ऊपरी इलाकों में दिसंबर के अंत तक सामान्य से कम बर्फबारी दर्ज की गई।

अधिकारियों ने बताया कि आसमान साफ रहने के कारण श्रीनगर सहित ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है। यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है। इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं। घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं।

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है। चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा।

‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा। इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर रहता है। इस दौरान शीत लहर जारी रहती है।

 

 

 

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