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राजस्थान-उदयपुर में जनजाति गौरव कार्यशाला में पहुंचे मदन राठौड़

उदयपुर.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ एक दिवसीय प्रवास पर उदयपुर पहुंचे और मैराथन बैठकों के माध्यम से कार्यकर्ताओं में जोश, उत्साह और नवसंचार का संचालन किया। उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों के साथ सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक की, साथ ही भगवान बिरसा मुंडा जनजाति गौरव कार्यशाला में विशाल जनसमूह को संबोधित भी किया।

सुखाड़िया विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं को सदस्यता अभियान में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी है और सदस्यता अभियान के बारे में जानकारी देते हुए सदस्यता दिलवानी है। राठौड़ ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता, नेता और पदाधिकारी विभिन्न सामाजिक संगठनों से संपर्क कर भाजपा की विचारधारा वाले लोगों को सदस्यता ग्रहण करवाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जनकल्याणकारी कार्यों से भी आमजन को अवगत करवाएं।

धर्मांतरण के खिलाफ एकजुट हुआ जनजाति समाज
आदिवासी गौरव समिति की ओर से रविवार को सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव कार्यशाला के जरिए जनजाति समाज ने अपनी संस्कृति व अधिकारों पर हमला करने वालों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया। इस कार्यशाला में मेवाड़-वागड़ क्षेत्र के जनजाति समाज के जनप्रतिनिधियों समेत प्रबुद्धजनों, संत समाज, सेवारत व सेवानिवृत्त अधिकारी, कर्मचारी, युवा, विद्यार्थी व महिला वर्ग की प्रभावी उपस्थिति रही। कार्यशाला के मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने कहा कि क्षेत्र में जो समाज विरोधी ताकतें उठ खड़ी हुई हैं, उनसे सावधान रहने की जरूरत है। यदि आज चुप बैठे रहे तो इसकी आंच आपके घरों तक भी आएगी। छोटी-मोटी घटनाओं को समझें। कार्यशाला में सभी ने एक स्वर में कहा कि हम हिंदू हैं, न कटेंगे और नहीं बंटेंगे। राठौड़ ने कार्यशाला के दौरान कहा कि जब अंग्रेज व मुगल आक्रांताओं ने भारत के एक राज्य पर आक्रमण किया तो उस समय पास के ही अन्य राजा बेपरवाह रहे। नतीजतन धीरे-धीरे उनके राज्यों पर भी आक्रमण हो गए वे भी पराधीन हो गए। आदिवासी समाज को भी अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति पर चलने वाले राजनीतिक दलों व उनके नेताओं को मुंहतोड़ जवाब देने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में सांसद मन्नालाल रावत, पूर्व सांसद महेंद्रजीत सिंह मालविया ने भी संबोधित किया। प्रदेश के जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने सावधानी हटी, दुर्घटना घटी विषय पर बोलते हुए कहा कि क्षेत्र में अंग्रेजों की नीति थी कि इधर मरे या उधर मरे, भारतीय ही मरें। उसी नीति को आगे बढ़ाने वाली बाप पार्टी के नेता भी आदिवासियों को ही मारने का काम कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे पूर्व सांसद अर्जुनलाल मीणा से मिलकर उनकी कुशलक्षेम जानी। इसके बाद वे पूर्व सभापति युधिष्ठिर कुमावत के निवास पर भी पहुंचे और कुमावत की पत्नी सुंदर देवी के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। राठौड़ सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष पंकज बोराणा के पिताजी एवं भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजेंद्र बोराणा के निधन पर उनके निवास पर भी पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार को सांत्वना प्रदान की।

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