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मंकी पॉक्स भारत में भी चिंता बढ़ा रहा, संदिग्ध मामले मिलने के बाद केंद्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली

Mpox या मंकी पॉक्स भारत में भी चिंता बढ़ाता नजर आ रहा है। संदिग्ध मामला मिलने के बाद अब केंद्र सरकार की तरफ से भी एडवाइजरी जारी हो गई है। खबर है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने संदिग्धों की स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की हिदायत दी है। खास बात है कि WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन मंकी पॉक्स को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है। इस बीमारी से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें वायरल इन्फेक्शन की स्क्रीनिंग में तेजी और हालात पर नजर बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि, अधिकारियों ने चिंता नहीं करने की बात कही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा, 'यात्रा संबंधी आइसोलेशन मामलों से निपटने के लिए देश पूरी तरह से तैयार है।'
दिल्ली में मिला संदिग्ध केस

रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के संदिग्ध केस की जानकारी दी थी। शख्स विदेश से भारत लौटा था। सरकार ने बताया था कि मरीज को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया था कि मरीज के नमूनों की जांच की जा रही है, ताकि Mpox की मौजूदगी की पुष्टि हो सके।

मंत्रालय ने कहा, ‘मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधित किया जा रहा है, और संभावित स्रोतों की पहचान करने तथा देश के भीतर के प्रभाव का आकलन करने के लिए संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाना जारी है।’ सरकार ने कहा कि यह राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए पहले के जोखिम मूल्यांकन के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है।

मंत्रालय ने कहा है कि संदिग्ध व्यक्ति की ट्रैवल हिस्ट्री भी निकाली जा रही है। इस मामले पर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) नजर बनाए हुए है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। इसके बाद यह पहला मामला है।

केंद्र सरकार ने दुनिया में मंकीपॉक्स (Mpox) के बढ़ते मामलों के बीच 20 अगस्त को देश के सभी पोर्ट, एयरपोर्ट के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटे बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया था।

पिछले महीने दूसरी बार मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में घोषित किया था, क्योंकि यह अफ्रीका के कई हिस्सों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ द्वारा 2022 में पीएचईआईसी घोषित किए जाने के बाद से भारत में इस बीमारी के 30 मामले सामने आए हैं। इससे संक्रमित आखिरी मामला इस साल मार्च में सामने आया था।

विश्व स्वस्थ्य संगठन के पहले के बयान के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं जिनमें से 208 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल संक्रमितों की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी। इस साल अब तक सामने आए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है।

WHO ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया यह दो साल में दूसरी बार है, जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है।

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स की शुरुआत अफ्रीकी देश कांगो से हुई थी। अफ्रीका के दस देश इसकी गंभीर चपेट में हैं। इसके बाद ये तेजी से पड़ोसी देशों में फैली। आशंका है कि यह दुनिया के दूसरे देशों में भी फैल सकती है।

कोरोना की तरह यह विमान यात्रा और ट्रैवलिंग के दूसरे साधनों से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैल रही है। WHO इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है।

क्या है मंकीपॉक्स मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है।

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