मध्यप्रदेश

पर्यटक बन भोपाल के म्यूजियम में घुसा चोर, डेढ़ दिन में करोड़ों का माल साफ किया; पैर टूटने से पकड़ा गया

भोपाल

 115 वर्ष पुराने राज्य संग्रहालय में हजारों वर्ष पुराने बेशकीमती गहने-सिक्के-बर्तन आदि को चुराने के लिए शातिर बदमाश द्वारा जो तरीका अपनाया गया, वह भी नया नहीं बल्कि करीब इतना ही पुराना है। आज से 113 वर्ष पूर्व फ्रांस के ल्यूब म्यूजियम में चोर दर्शकों के साथ अंदर जाकर रात भर वहीं छुपा रहा था और बाद में मोनालिसा की पेंटिंग को लेकर निकला, जिसने इस तस्वीर को दुनिया भर में बेहद मशहूर कर दिया।

राज्य संग्रहालय में चोरी के लिए भी बिहार के अपराधी विनोद ने रात में छुपकर चोरी करना का तरीका अपनाया। संग्रहालय में चोरी करने के लिए वह चार माह पहले रेकी कर चुका था। वह अपनी योजना को अंजाम दे पाता, उससे पहले ही अपनी बुरी और पुलिस की खुशकिस्मती से दुर्घटना का शिकार होकर पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

दोस्त के साथ आया था भोपाल
डीसीपी रियाज इकबाल ने बताया कि विनोद के गांव का एक छात्र चार माह पहले नीट की परीक्षा देने भोपाल आया था। उसके साथ आया विनोद राज्य संग्रहालय देखने पहुंचा था। तब उसने देखा था कि यहां सुरक्षा काफी कम है। सोने-चांदी के वजनी सिक्के सामान्य कांच के चेंबरों में रखे हैं। गार्ड भी अक्सर मुख्य दरवाजे के पास ही रहते हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद भागने के लिए उसे संग्रहालय परिसर की दीवार से लगा पाइप और मोटी केबल भी दिख गई थी।

दीवार फांदने से चंद फीट पहले फिसला हाथ
इसके बाद चोरी करने के इरादे से वह एक अगस्त को पूरी तैयारी के साथ भोपाल आया था। उसने अपनी जींस की पेंट और लेदर की चप्पलें बैग में रख ली थीं। संग्रहालय में चोरी करने के बाद उसने रात को बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन हर बार होमगार्ड के जवान मुस्तैदी से गश्त करते मिले।

इस वजह से उसने दीवार फांदने का इरादा कर लिया। 25 फीट ऊंची दीवार फांदने के लिए वह लगभग 18 फीट की ऊंचाई तक चढ़ भी गया था, लेकिन इसके बाद हाथ फिसलने के कारण वह नीचे झाड़ियों पर गिर पड़ा। कूल्हे और पैरों में गंभीर चोट लगने से वह असहाय हो गया।

इसलिए किया चोरी का इरादा
थाना प्रभारी घूमेंद्र सिंह ने बताया कि विनोद के पास से वारदात के लिए एक लोहे की छड़, एक तरफ नुकीली व दूसरी तरफ पैनी होकर कटी हुई थी, एक लोहा काटने की आरी, एक नट खोलने वाला पाना, एक काले रंग की रस्सी, दास्ताने एवं नकाब बरामद किए हैं। विनोद ने पूछताछ में बताया कि उसके पास मात्र छह बीघा जमीन है। इससे वह मुश्किल से वर्ष भर में डेढ़ लाख रुपये कमा पाता है। इस वजह से उसने संग्रहालय में चोरी करने का इरादा कर लिया था। उसके विरुद्ध अवैध रूप से शराब रखने का एक मामला दर्ज होने की जानकारी मिली है।

याद आई 113 साल पुरानी घटना
फ्रांस के ल्यूब म्यूजियम में 21 अगस्त 1911 को विन्सेंजो पेरुगिया नाम का व्यक्ति दर्शकों के साथ अंदर गया और छुप गया। दूसरे दिन म्यूजियम खुलने के बाद वह पेटिंग मोनालिसा को कोट में छुपाकर बाहर निकल गया था। लियोनार्डों दा विंची की 1511 में बनाई गई इस पेटिंग को 500 सालों तक बहुत कम लोग जानते थे। इसी चोरी और डेढ़ साल बाद बरामदगी से इसे बेशुमार शोहरत मिली थी।

एडवर्ड म्युजियम के रूप में हुई थी स्थापना
राज्य संग्रहालय भोपाल के वर्तमान भवन का उद्घाटन दो नवम्बर 2005 को किया गया। वर्ष 1909 में राज्य संग्रहालय की स्थापना नवाब सुल्तान जहां बेगम ने की थी, तब इसका नाम एडवर्ड संग्रहालय रखा गया था। स्वतंत्रता के पश्चात इस संग्रहालय को बाणगंगा स्थित पुराने भवन में स्थापित किया गया।

बाद में श्यामला हिल्स में नया भवन बनाया गया। इस भव्य भवन में 17 वीथिकाएं हैं जो कि अलग-अलग विषयों के ऊपर बनी हुई हैं। थीम दीर्घा, प्रागैतिहासिक जीवाश्म दीर्घा, उत्खनित सामग्री दीर्घा, धातु प्रतिमा दीर्घा, अभिलेख दीर्घा, प्रतिमा दीर्घा, रायल कलेक्शन तथा टेक्सटाइल दीर्घा के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम दीर्घा, डाक टिकट आटोग्राफ दीर्घा, पांडुलिपि दीर्घा, लघु रंग चित्र दीर्घा, मुद्रा दीर्घा, अस्त्र-शस्त्र दीर्घा तथा दुर्लभ वाद्य यंत्र दीर्घा है। इसकी क्वाइन गैलरी पर चोर विनोद ने हाथ साफ किया।

 

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