देश

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शुरू की मुख्य सचिव और डीजीपी की तलाश

पटना.

बिहार के पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी लगातार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की मांग कर रहे थे और आज पूर्णरूपेण केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक बना दिए गये। उनके बिहार छोड़कर जाने के बाद बिहार के डीजीपी का पद रिक्त हो गया है। वहीं दूसरी तरफ बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा का कार्यकाल इसी महीने समाप्त हो रहा है। ब्रजेश मेहरोत्रा रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में अब बिहार के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव दोनों के चयन की कवायद तेज हो गई है। इस बात पर मंथन तेज हो गई है कि अब नये पुलिस महानिदेशक और नये मुख्य सचिव कौन बनेंगे।

यह हैं डीजीपी के रेस में
बिहार के पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक बनाए गए हैं। राजविंदर सिंह भट्टी के सीआईएसएफ के डीजी के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी हो गई है। अब उनके बाद कई नामों पर चर्चाएं गर्म हैं। उन नामों के बीच डीजीपी की रेस में अब तक आईपीएस शोभा अहोतकर और आईपीएस आलोक राज रहे हैं लेकिन उस रेस में अब एक और नाम जुड़ गया है आईपीएस विनय कुमार का नाम।

पहला नाम आईपीएस आलोक राज
बिहार के पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी के बाद सबसे पहला नाम आईपीएस आलोक राज का है। वह 1989 बैच के आईपीएस हैं। फिलहाल वह विजिलेंस ब्यूरो के डीजी हैं, जो पिछली बार भी डीजीपी बनते-बनते रह गए थे। हालांकि विभाग का यह मानना है कि आलोक राज ने खुद को इस रेस से दूर कर लिया है। ऐसा कहा जाता है कि पॉलिटिकल लॉबी और ब्यूरोक्रेसी लॉबी दोनों ही जगह उनके नाम पर सहमति नहीं बन रही है।

आईपीएस शोभा अहोतकर रेस में सबसे आगे थीं
आलोक राज के बाद 1990 बैच की आईपीएस शोभा अहोतकर का नाम भी डीजीपी की रेस में शामिल है। फिलहाल वह बिहार होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी हैं। शोभा अहोतकर उस समय काफी चर्चा में थी, जब आईपीएस विकास वैभव और फिर अनुसूया रणसिंह साहू के साथ उनका विवाद हुआ था। ब्यूरोक्रेसी लॉबी से शोभा अहोतकर के संबंध अच्छे बताए जा रहे हैं।

आईपीएस विनय कुमार, ब्यूरोक्रेसी व पॉलिटिकल लॉबी के पहले पसंद
बिहार के पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी के बाद डीजीपी की इस रेस में फिलहाल आईपीएस विनय कुमार की एंट्री हो सकती है। विभागीय चर्चाओं की मानें तो 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार डीजीपी की रेस में फिलहाल सबसे आगे हैं। विनय कुमार फिलहाल बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी हैं और वह बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और एडीजी सीआईडी भी रह चुके हैं। विनय कुमार अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। जानकारी के मुताबिक बिहार की ब्यूरोक्रेसी लॉबी और पॉलिटिकल लॉबी दोनों ही जगह विनय कुमार के नाम पर लोगों की सहमति भी है, ऐसे में डीजीपी की रेस में विनय कुमार संभवतः सबसे आगे हैं।

विनय कुमार पर लग सकती है डीजीपी बनने की मुहर
आईपीएस विनय कुमार डीजीपी बनने के रेस में सबसे आगे आगे हैं। अब इस वजह को ऐसे समझिये। ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में इनकी पकड़ काफी मजबूत है। जानकारी के मुताबिक़ कुछ दिन पहले विनय कुमार को सीएम हाउस बुलाया गया था। सीएम आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने उनसे मुलाकात की थी। इस बात की चर्चा बिहार के ब्यूरोक्रेसी लॉबी में खूब हुई। ऐसे में लोग यह मान रहे हैं कि बिहार के पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी के बाद डीजीपी की जिम्मेदारी विनय कुमार ही संभालेंगे।

चैतन्य प्रसाद हो सकते हैं नये मुख्य सचिव
वहीं दूसरी ओर बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा इसी महीने अगस्त में रिटायर होने जा रहे हैं। ऐसे में सियासी महकमे से लेकर ब्यूरोक्रेटिक लॉबी तक में अगले मुख्य सचिव के नाम पर मंथन तेज हो गई है। मुख्य सचिव की रेस में फ़िलहाल  केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कोयला मंत्रालय के सचिव अमृतलाल मीणा, प्रत्यय अमृत, डॉक्टर एस सिद्धार्थ और चैतन्य प्रसाद का नाम शामिल  है। फिलहाल विकास आयुक्त के पद पर पदस्थापित 1990 बैच के चैतन्य प्रसाद का नाम सबसे आगे चलने की चर्चा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button