मध्यप्रदेश

2 सितंबर को भगवान महाकाल की शाही सवारी, सोमवती अमावस पर 70 भजन मंडलियां होंगी शामिल

 उज्जैन
 श्रावण-भादौ मास में दो सितंबर सोमवार को भगवान महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। सवारी में व्यवस्थाओं के निर्धारण के लिए  कलेक्टर नीरज कुमार सिंह व एसपी प्रदीप शर्मा की मौजूदगी में बैठक हुई। शाही सवारी में भगवान महाकाल की पालकी पालकी स्वागत करने के लिए 100 स्वागत मंच लगाने का निर्णय लिया गया। सवारी में 70 भजन मंडलियां शामिल होंगी।

भगवान महाकाल की शाही सवारी

करीब सात किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर 500 से अधिक बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। भगवान महाकाल की पालकी को रात 10 बजे तक पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया। इस बार भगवान महाकाल की शाही सवारी सोमवती अमावस्या के महासंयोग में निकलने वाली है। ऐसे में सवारी में आस्था का सैलाब उमड़ने का अनुमान है।

देशभर से हजारों भक्त सवारी देखने के लिए उज्जैन पहुंचेंगे। सवारी के सुव्यवस्थित संचालन, श्रद्धालुओं को सुविधापूर्वक भगवान महाकाल के दर्शन कराने तथा भीड़ नियंत्रण के लिए के लिए चर्चा की गई। भजन मंडलियों को दोपहर 12 से एक बजे तक कोट मोहल्ला से प्रवेश दिया जाएगा।

भजन मंडल में 50 सदस्य शामिल

दोपहर एक बजे के बाद आने वाली भजन मंडलियों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। प्रत्येक भजन मंडल में 50 सदस्य शामिल हो सकेंगे। मंदिर समिति द्वारा भजन मंडल संचालकों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार पास जारी किए जाएंगे। बैठक में निगम आयुक्त आशीष पाठक, यूडीए सीईओ संदीप कुमार सोनी, एडिशनल एसपी नितेश भार्गव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में लोक निर्माण विभाग को निर्धारित मार्ग पर समय पर व्यवस्थित बैरिकेडिंग किए जाने के निर्देश दिए। सवारी मार्ग पर बनाएं गए मंचों का फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। प्रसादी वितरण भी इस प्रकार किया जाएगा कि सवारी व्यवस्थित संचालन हो। सवारी के निर्धारित मार्ग पर पहुंचने के तय समय और आवश्यक जानकारी के फ्लेक्स भी लगाएं जाएंगे। 500 से अधिक बैरिकेडिंग और 100 मंच बनाएं जाएंगे। शाही सवारी में लगभग 70 मंडलियां सम्मिलित होंगी। प्रत्येक मंडली में 50 लोग सम्मिलित हो सकेंगे। मंडलियों को मंदिर समिति द्वारा पास दिया जाएगा। बैठक में विभिन्न मंडलियों द्वारा पिछली पांच सवारी में प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की ओर शाही सवारी के लिए मंच, मार्ग, विद्युत आदि की व्यवस्थाओं के संबंध में सुझाव दिए गए।

यह रहेगा शाही सवारी मार्ग
भगवान श्री महाकालेश्वर जी की प्रमुख शाही सवारी श्री महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी, जहां सवारी का पूजन होने के बाद रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहे से मिर्जा नईमवेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कंठाल, सतीगेट, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सवारी में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा। इमरजेंसी ले लिए वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था रहेगी।

सवारी-पालकी का मंदिर से प्रस्थान व आगमन
भगवान श्री महाकालेश्वर जी की निकलने वाली सवारी के मुखारबिन्द पूजन के उपरांत पालकी में प्रतिमा को आरूढ़ कर शाम 4 बजे कहारो द्वारा पालकी को उठाकर मंदिर से बाहर की ओर प्रस्थान कराया जाकर सवारी नगर भ्रमण पर निकाली जाती है, जो चयनित मार्गों से होते हुए सायं 5 बजे के लगभग रामघाट पहुंचेगी, जहां भगवान श्री महाकालेश्वर जी का पूजन इत्यादि किया जाकर सवारी अपने निर्धारित मार्ग से रात्रि 10 बजे के लगभग पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। बैठक में निगम आयुक्त आशीष पाठक, अपर कलेक्टर अनुकूल जैन, सीईओ यूडीए संदीप सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश भार्गव, सहायक कलेक्टर गगन मीणा सहित मंदिर समिति के सदस्य और विभिन्न भजन मंडलियां उपस्थित रहीं।

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