मध्यप्रदेश

प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर भवनों का सर्वे कर तोड़ने का लिया निर्णय

भोपाल

मध्य प्रदेश में गांव के जर्जर भवनों का सर्वे कराया जाएगा और खतरनाक होने की स्थिति में उन्हें तोड़ा जाएगा। सागर जिले के शाहपुर कस्बे में गत 4 अगस्त को पुरानी जर्जर इमारत के गिरने से हुई 9 बच्चों की मौत पर भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए यह निर्णय लिया गया है।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में जर्जर भवनों, दीवारों आदि के गिरने अथवा धसकने से जन, धन या पशुओं की हानि न हो, इसके लिए त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई के लिए कहा गया है। अधिनियम में मकानों के सन्निर्माण का विनियमन, जीवन तथा संपत्ति की सुरक्षा तथा भवनों के निर्माण पर नियंत्रण के प्रावधान हैं।
स्वामी या अधिभोगी द्वारा इस कानून का उल्लंघन करने पर पंचायत या ग्राम सभा को व्यय वसूल करने का अधिकार भी है, इसलिए सभी ग्राम पंचायतों को अपनी शक्तियों व कर्तव्यों का निर्वहन के लिए अवगत कराया जाएगा।

भविष्य में पुराने जीर्ण शीर्ण भवन, दीवार, कुओं आदि के गिरने या धंसने से किसी प्रकार की जन, धन या पशु हानि न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के माध्यम से जर्जर भवनों, दीवारों, कुओं, बावड़ियों आदि का सघन अभियान चलाकर सर्वे कराया जाएगा तथा सर्वे में पाई गई खतरनाक संरचनाओं की समुचित परित्यक्ति/रखरखाव के लिए प्रभावी की जाएगी।

9 बच्चों की मौत पर पीएम मोदी ने भी जताया था दुख

सागर जिले के शाहपुर गांव में हरदौल मंदिर में शिवलिंग बनाने के लिए बच्चे भी बड़ी संख्या में पहुंचे थे। वे सुबह जब शिवलिंग बना रहे थे, तभी मंदिर परिसर के बाजू वाली करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार भराभराकर गिर गई। मृतकों में आठ से 15 साल के बच्चे शामिल थे। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संवेदना व्यक्त की थी।

साथ ही मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। वहीं घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए मृत बच्चों के स्वजन को 4-4 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। इस घटना से सबक लेते हुए अब गांव के जर्जर भवनों का सर्वे कर तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।

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