मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के पार्टी नेतृत्व से नाराज
कोलकत्ता
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के पार्टी नेतृत्व से नाराज होने की खबरें आ रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उनका मानना है कि केंद्र के खिलाफ उन्होंने बकाया वसूली के लिए आंदोलन जो शुरू किया था, वह पटरी से उतर गया है। दुर्गा पूजा से पहले अभिषेक बनर्जी इस आंदोलन को हवा देने के लिए सड़कों पर उतरे थे। योजना यह थी कि पूजा के बाद आंदोलन को और अधिक बढ़ाया जायेगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। आंदोलन व्यावहारिक रूप से धूल में मिल गया है।
दुर्गा पूजा के बाद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र से बकाया वसूली के लिए आंदोलन तेज करने की घोषणा की थी, लेकिन नेताओं ने जमीनी स्तर पर आंदोलन को आगे नहीं बढ़ाया। उन्हें इसके लिए कोई प्रोग्राम नहीं मिला। विभिन्न रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अभिषेक बनर्जी पार्टी नेताओं के एक समूह की इस हरकत से नाराज हैं। रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि अभिषेक बनर्जी लोकसभा चुनाव में खुद को अपने निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित रखना चाहते हैं। वह बंगाल की बाकी 41 सीटों की चिंता करने को तैयार नहीं हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली जाकर इस आंदोलन का आयोजन किया था। कोलकाता लौटने के बाद भी उन्होंने इसके लिए हल्ला मचाया था। ऐसा कहा जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी लीडरशिप से खफा हैं।
दावा किया जा रहा है कि अभिषेक की योजना नवंबर में फिर से दिल्ली जाकर विरोध प्रदर्शन करने की थी। उन्होंने यह भी योजना बनाई थी कि अगर केंद्र ने मांग नहीं मानी तो बंगाल लौटने के बाद गांव-गांव यात्रा करेंगे। इसके बजाय, 20 दिसंबर को ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उस वक्त अभिषेक भी उनके साथ थे।
इस बीच रिपोर्ट्स का दावा है कि अभिषेक न सिर्फ पार्टी नेता बल्कि राज्य प्रशासन के कामकाज से भी नाराज हैं। गौरतलब है कि उन्होंने वहां जाकर घोषणा की थी कि धूपगुड़ी को उप-विभाजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी वर्ष धूपागुड़ी को उपविभाजित कर दिया जायेगा। लेकिन साल खत्म हो गया, अभिषेक का वादा पूरा नहीं हुआ। आरोप है कि प्रशासन की ढिलाई के कारण धुपगुड़ी उपविभाजन नहीं हो सका।
इन सबके बीच कुणाल घोष, पार्थ भौमिक, नारायण गोस्वामी, ब्रत्य बसु और तापस राय शनिवार को अभिषेक बनर्जी के साथ कालीघाट कार्यालय में एक बैठक की। मालूम हो कि उस बैठक में अभिषेक बनर्जी से दोबारा पार्टी की कमान संभालने का अनुरोध किया गया। लेकिन वहां अभिषेक ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव के लिए डायमंड हार्बर में ही रहेंगे।