नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद को गाली देने वाले BJP नेता पर हुई कार्रवाई
ग्वालियर
काांग्रेस जैसी गुटबाजी की राजनीति इन दिनों बीजेपी के अंदर भी दिखाई दे रही है. ग्वालियर के एक बीजेपी नेता का बीते रोज वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह खुलेआम विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा को गालियां देते दिख रहे थे. अब उस नेता पर बीजेपी ने एक्शन लिया है.
मध्यप्रदेश में BJP नेता का गाली गलौज का वीडियो वायरल हुआ है. BJP नेता भीकम खटीक ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को गालियां दी हैं. BJP नेता भीकम खटीक ने अपने साथ बैठे लोगों के साथ चर्चा के दौरान ये गालियां दीं. नगर निगम सभापति मनोज तोमर सहित नगर निगम के भाजपा पार्षदों को गलियां देते हुए पार्टी में गुटबाजी और जातिवाद फैलाने का आरोप भी लगाया है. जरूरत पड़ने पर BJP छोड़ने की भी बात कही है. इस सारे घटनाक्रम को बीजेपी नेता के साथ बैठे लोगों ने ही खुफिया कैमरे से रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
वायरल वीडियो में बीजेपी के स्थानीय नेता भीकम खटीक आरोप लगाते हुए कहते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने पहले अपने समर्थक भारत सिंह कुशवाहा को लोकसभा चुनाव का टिकट दिलाकर चुनाव जिताया और अब ग्वालियर-चंबल की राजनीति में अपनी जाति और ओबीसी वर्ग में सिर्फ कुशवाहा समाज को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं और दलित वर्ग के बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं को पार्टी की सेवा करने का कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
वायरल वीडियो में बीजेपी नेता भीकम खटीक उदाहरण देते हुए कहते हैं कि नगर निगम में सारे ठेकेदार विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और स्थानीय सांसद भारत सिंह कुशवाहा के स्व जातीय लोग हैं लेकिन एससी व एसटी वर्ग के ठेकेदारों को नगर निगम में काम करने का अवसर ही नहीं मिल रहा है.
बीजेपी जिला महामंत्री ने दिया नोटिस, कार्रवाई की चेतावनी जारी
सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी की स्थानीय कमेटी के जिला महामंत्री राजू पलैया ने भाजपा नेता भीकम खटीक को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में लिखा है कि "सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से यह ज्ञात हुआ कि एक वीडियों में आप भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व के के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं एवं वहां पर आपके द्वारा पार्टी के विरूद्ध अनर्गल वार्तालाप किया जा रहा है. अत: आपको भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी के समक्ष 7 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देना होगा. अन्यथा आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी".