मध्यप्रदेश

इंदौर में विवाद के बाद आदिवासी युवक को जूते के फीते बांधने वाले हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया

इंदौर

इंदौर में छात्रों के रहने वाले मुख्य क्षेत्र भंवरकुआं में एक लिस्टेड गुंडे ने आदिवासी युवक को जमकर पीटा और उससे अभद्र व्यवहार करते हुए जूते के लेस भी बंधवाए। घटना के राजनीतिक तूल पकडऩे के बाद जागी पुलिस ने गुंडे को पकड़ा और उसका सार्वजनिक जुलूस निकाला। इस दौरान उसने कान पकड़ते हुए माफी मांगी।

घटना रविवार को हुई, सोमवार को जागी पुलिस

जानकीर के अनुसार घटना रविवार सुबह साढ़े 6 से 7 बजे के बीच की है। देर रात पुलिस ने FIR दर्ज की। घटना का वीडियो सोमवार को सामने आने के बाद राजनीतिक तूल पकड़ने लगा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस सोशल मीडिया पर डालकर बीजेपी सरकार को घेरा। सोमवार को फिर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद रात में मुख्य आरोपी रितेश का जुलूस निकाला।

यह हुई घटना

भंवरकुआं पुलिस के मुताबिक, आरोपी रितेश राजपूत लिस्टेड गुंडा है। उस पर 10 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं। इनमें वाहन चोरी और लूट के मामले शामिल हैं। वहीं पीड़ित आदिवासी समाज से है। रितेश ने उसके पास से तेजी से बाइक निकाली, इस पर युवक ने यही कहा कि देख कर चलाओ। इस पर रितेश ने बाइक रोकी और युवक को मारा। युवक जान बचाकर मौके से भागा तो उसे ढूंढकर फिर रितेश ने मारा और जूते के लेस बंधवाए। इसी दौरान रितेश का दोस्त भी महिला मित्र के साथ बाइक से आया और उसने भी पीड़ित को मारा।

वहीं, जब पुलिसकर्मी आरोपी को घटनास्थल पर ले गए तो वह अपने कान पकड़े हुए बार-बार यह कहता हुआ दिखाई दिया कि उसने गलती की है. पुलिस ने इस दौरान गुंडे का जुलूस भी निकाला. 

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा 

मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इस मामले को उठाया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव और देश के गृहमंत्री अमित शाह को टैग करते हुए कांग्रेस नेता ने 'X' पर लिखा, इंदौर के भंवरकुआं इलाके में सड़क पर ठीक से न चलने की बात पर एक आदिवासी युवक के साथ अकारण मारपीट की गई. बदमाश ने आदिवासी युवक की पिटाई करने के साथ उससे अपने जूते के लैस भी बंधवाए. आश्चर्य है कि इस बदमाश पर दर्जनभर मुकदमें दर्ज हैं, फिर भी वो खुला घूम रहा था. इंदौर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद शहर में आपराधिक मामले लगातार  बढ़ रहे हैं. MP के गृहमंत्री का प्रभार CM के पास है और अब तो वे इंदौर के प्रभारी मंत्री भी हैं. इसके बाद भी शहर में कानून व्यवस्था की हालत कैसी है, इसे समझा जा सकता है!''

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