प्रदेश में अधिकतर डॉक्टर काम पर लौटे, बंगाल में हड़ताल जारी; बिहार में OPD ठप
नई दिल्ली.
कोलकाता में दुष्कर्म के बाद प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे मध्य प्रदेश के अधिकतर डॉक्टर हाईकोर्ट के आदेश पर रविवार को काम पर लौट आए। इसके पहले चिकित्सा संघों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया। मगर कहा कि विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। हड़ताल खत्म होने से प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर संभाग के सभी मेडिकल कॉलेजों और निजी व सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था पटरी पर लौटती दिखी।
उधर, ग्वालियर में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की बात तो कही, लेकिन काम शुरू नहीं किया। भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने अभी हड़ताल खत्म नहीं की। उनका कहना है कि हड़ताल को लेकर राष्ट्रीय फोरम के निर्देश का इंतजार है। बता दें कि शनिवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को अवैधानिक बताते हुए कहा था कि मरीजों की दिक्कतों को समझते हुए डॉक्टर काम पर लौटें।
विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा
कोर्ट ने अपने पिछले आदेश का हवाला दिया, जिसमें बिना कोर्ट की अनुमति किसी भी तरह की हड़ताल पर डॉक्टरों के जाने पर रोक लगाई गई थी। इस मामले में कोर्ट 20 अगस्त को भी सुनवाई करेगा। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के सम्मान में हड़ताल खत्म की गई है, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
दिल्ली में आज भी हड़ताल पर रहेंगे रेजिडेंट डाक्टर
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से दिल्ली की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर डॉक्टर सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट (सीपीए) की मांग को लेकर डटे हुए हैं। सोमवार को भी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी। एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों, लोकनायक, जीबी पंत, जीटीबी, डीडीयू सहित सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में लगातार आठवें दिन भी ओपीडी और नियमित सर्जरी प्रभावित रहेगी।
कनाट प्लेस में डॉक्टर का प्रदर्शन
अस्पतालों में कंसल्टेंट व फैकल्टी स्तर के डॉक्टर ओपीडी में बैठेंगे, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवा को सीमित कर दिया गया है। इसलिए वरिष्ठ डॉक्टर ओपीडी में बैठेंगे, लेकिन कम संख्या में ही मरीजों का इलाज होगा। रेजिडेंट डॉक्टरों ने रविवार शाम को कनाट प्लेस में प्रदर्शन किया। उन्होंने कैंडल मार्च भी निकाला।
बिहार-बंगाल में हड़ताल पर रहे जूनियर डॉक्टर
बंगाल के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को नौवें दिन भी जारी रही। इससे राज्य भर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। सरकारी अस्पतालों में रविवार को बाह्य रोगी विभाग बंद रहने के कारण मरीजों की भीड़ कम रही, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने आपातकालीन विभाग में सेवाएं जारी रखीं।
बिहार में कई अस्पतालों में ओपीडी बंद
बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा व बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहे। यहां भी ओपीडी सेवा बंद रही, जबकि इमरजेंसी चालू रही। राजधानी पटना के आइजीआईएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच तथा एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा चालू रखने एवं ओपीडी-जांच व शैक्षणिक गतिविधियां बंद रखने की बात कही है। इस बीच, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने सोमवार से काली पट्टी बांध कर काम करने की घोषणा की है। संघ ने कहा है कि 25 अगस्त तक सरकार मांगें नहीं मानती है तो प्रदेश के सभी अस्पतालों में उपचार बंद कर दिया जाएगा।
हिमाचल के मेडिकल कॉलेजों में आज इमरजेंसी के अतिरिक्त सब बंद
हिमाचल के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सोमवार को आपातकालीन सेवाओं के अलावा सब बंद रहेगा। यहां ओपीडी व रूटीन के पूर्व निर्धारित ऑपरेशन नहीं होंगे, जबकि अन्य क्षेत्रीय, जिला व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सामान्य तौर पर ओपीडी और रूटीन के ऑपरेशन होंगे। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष बलवीर वर्मा ने बताया कि मंगलवार को ओपीडी व ऑपरेशन के संबंध में सोमवार को ही निर्णय लिया जाएगा।