मध्यप्रदेश

विलुप्त होती जनजाति में शामिल बैगा और भारिया समाज की बस्ती का कायाकल्प करने की तैयारी जिले में शुरू, पीएम जनमन योजना के तहत गांव चिह्नित

डिंडौरी
संरक्षित और विलुप्त होती जनजाति में शामिल बैगा और भारिया समाज की बस्ती का कायाकल्प करने की तैयारी जिले में शुरू हो गई है। पीएम जनमन योजना के तहत बैगा के 301 और भारिया की 31 बस्तियां जिलेभर में चिह्नित की गई है। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त पीएम जनमन योजना की प्रोजेक्ट मैनेजर ज्योति सिंगल द्वारा बैगा और भारिया जनजाति की बस्तियों का कायाकल्प करने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से प्रस्ताव तैयार किया गया है।

पीएम जनमन योजना के तहत गांव चिह्नित
इन बस्तियों तक पक्की सड़क, घर घर बिजली, शुद्ध पानी, पक्का मकान, शौचालय सहित केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ सभी ग्रामीण को मिले इसके लिए कार्य योजना तैयार की गई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले ही इन बस्तियों में विकास कार्य शुरू हो जाएंगे।

301 बस्तियों में रहते हैं 40414 बैगा
डिंडौरी में बैगाओं की 301 बस्तियों में 20375 बैगा महिला और 20039 पुरुष कुल 40414 लोग निवासरत हैं। इसी तरह भारिया जनजाति की 31 बस्तियों में 2147 महिला और 2132 पुरुष कुल 4279 लोग रहते हैं। सबसे अधिक यह आबादी समनापुर जनपद क्षेत्र में निवासरत है।

आजादी के 75 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा
जंगली और पहाड़ी क्षेत्र में निवासरत बैगा और भारिया जनजाति के लोग की बस्तियों में आजादी के 75 वर्ष बीतने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। इस समुदाय के लोग कुपोषण के साथ एनीमिया से भी जूझते हैं।

जीवनस्तर में सुधार की तैयारी
अब इस पहल से यहां छोटी-छोटी बसाहट वाले 187 बस्तियों तक पक्की सड़क पहुंचेंगी। 10 चलित चिकित्सा इकायों से इनका इलाज होगा। सभी के घरों में विद्युतीकरण के साथ आंगनवाड़ी केंद्र भी कम जनसंख्या के बाद भी खुलेंगे। वन धन विकास केंद्र भी खुलेंगे। नेटवर्क विहीन गांव में मोबाइल टावर, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल को लेकर भी विशेष जोर दिया जाएगा। गांव में छात्रावास भी शुरू होंगे।

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