मध्यप्रदेश

‘मदरसों से अब्दुल कलाम निकलें तो स्वागत, लेकिन जाकिर नाईक मंजूर नहीं…’, विधायक रामेश्वर शर्मा

भोपाल

मध्य प्रदेश के मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को अनुमति के बिना धार्मिक शिक्षा दी तो मान्यता रद्द कर दी जाएगी. मदरसों में हिंदू बच्चों को पढ़ाने और फर्जी नामों से सरकारी मदद लेने के मामले में मोहन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भोपाल की हुजूर सीट से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस फैसले का स्वागत किया है.

BJP MLA रामेश्वर शर्मा ने कहा, यह मध्य प्रदेश सरकार का स्वागत योग्य कदम है. इसके लिए मैं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी को शुभकामनाएं देता हूं कि सरकार ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है.

बीजेपी विधायक आगे बोले, मदरसों में क्या हो रहा है? इस्लामिक शिक्षा तो दी जा रही है. जब वहां मुस्लिम धर्म के आधार पर शिक्षा दी जा रही है तो वहां सनातन का बच्चा क्यों जाए? जैन का बच्चा क्यों जाए? सिख का बच्चा क्यों जाए? बौद्ध का बच्चा क्यों जाए और दूसरे धर्म के बच्चे वहां पढ़ने क्यों जाएं?

उन्होंने कहा कि इस फर्जी तरीके से जो मदरसे सरकारी अनुदान ले रहे हैं, सरकार इसकी जांच करें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. सरकारी भूमि पर यदि बिना अनुमति के कोई मदरसा बना है तो उन्हें तोड़ा जाए.

रामेश्वर शर्मा ने कहा, मदरसे से यदि एपीजे अब्दुल कलाम निकलें तो हमें आपत्ति नहीं है, लेकिन यदि जाकिर नाईक निकले तो समझ लीजिए कि वहां उन्मादी शिक्षा दी जा रही है. मदरसे से यदि कोई आतंकवादी निकलता है तो उन्मादी शिक्षा दी जा रही है. मदरसे केवल और केवल इस्लामीकरण और  तालिबानियों के हथियार बन गए हैं. मदरसे शिक्षा के केंद्र बिंदु नहीं है, न तो एमपी बोर्ड वहां पर काम करता है और न सीबीएसई बोर्ड काम करता है. मदरसे में दूसरे धर्म के अबोध बच्चों को ले जाकर उन्हें इस्लामी शिक्षा देते हैं, उनका धर्मांतरण का भी भविष्य का षड्यंत्र हो सकता है, इसलिए इस षड्यंत्र से बच्चों को बचाने के लिए यह मोहन यादव की सरकार का यह बहुत महत्वपूर्ण कदम है.

गैर मुस्लिमों को मदरसे में धार्मिक शिक्षा देने पर मान्यता होगी रद्द

बता दें कि मध्यप्रदेश में मदरसों को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए मदरसों में पढ़ रहे छात्रों के भौतिक सत्यापन का आदेश जारी किया है. इस दौरान यदि वहां फ़र्ज़ी तरीके से गैर-मुस्लिम या मुस्लिम बच्चों के नाम पाए जाते हैं या बच्चों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना धार्मिक शिक्षा दी जा रही होगी तो ऐसे मदरसों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

 

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