अयोध्या में रोज़गार मेला लगवा रही योगी सरकार, 100 से ज़्यादा कम्पनियां होंगी शामिल
लखनऊ
यूपी सरकार के मिशन रोज़गार के तहत अब रामनगरी अयोध्या में 'रोज़गार मेले' का आयोजन किया जाएगा. 18 अगस्त को अयोध्या में मुख्यमंत्री रोज़गार मेले का उद्घाटन करेंगे. इसमें 100से ज़्यादा कम्पनियांं शामिल होंगी. इसमें 50 हज़ार से ज़्यादा युवाओं को रोज़गार देने का लक्ष्य रखा गया है. यूपी के मुख्यमंत्री का पंद्रह दिन में ये तीसरा अयोध्या दौरा होगा.
15 दिन में तीसरी बार अयोध्या के दौरे पर रहेंगे योगी
मिशन रोज़गार में जुटी यूपी सरकार ने अब रामनगरी में युवाओं को रोज़गार मेले के ज़रिए सीधे रोज़गार देने की पहल की है. 18 अगस्त को अयोध्या के कुमारगंज स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में वृहत रोज़गार मेले का आयोजन किया जाएगा. इसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे. यूपी सीएम रोज़गार मेले का उद्घाटन करेंगे. ख़ास बात ये है कि ये योगी का 15 दिन में तीसरा अयोध्या दौरा होगा. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सीधे युवाओं से रुबरु होंगे.
रोजगार मेला उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा किया जाएगा. अयोध्या में रोज़गार मेले से 50 हज़ार से ज़्यादा रिक्तियों को भरे जाने का लक्ष्य रखा गया है. अलग-अलग सेक्टर की 100 से ज़्यादा कंपनियां इसमें शामिल होंगी. अडाणी ग्रूप, टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, फ्लिपकार्ट, होंडा, एक्सेंचर, लावा, नोकिया और सुजुकी जैसी बड़ी कंपनियां मेले में शिरकत करेंगी. उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन और ITI से प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों के साथ अन्य युवा भी शामिल होंगे. इससे पहले 17 अगस्त को अंबेडकरनगर में भी रोज़गार मेला आयोजित किया जाएगा जिसमें 46 कम्पनियांं शामिल होंगी. इस रोज़गार मेले से 21 हज़ार पदों की भरने का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह से 17-18 अगस्त को बड़ी संख्या में युवाओं को वॉक इन इंटरव्यू के द्वारा रोज़गार दिया जाएगा.
9 लाख से ज़्यादा युवाओं को सरकारी और 2 करोड़ युवाओ को निजी क्षेत्र में रोज़गार देने का दावा
यूपी सरकार से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साढ़े सात साल में सरकारी नौकरी के साथ-साथ निजी कंपनियों में भी युवाओं को रोजगार के अवसर दिए गए हैं. बड़े रोज़गार मेले के अलावा हर ज़िले में रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को निजी कंपनियों में नियोजित किया गया है. पिछले साढ़े सात साल में 6.5 लाख से ज़्यादा सरकारी और संविदा के माध्यम से 3.5 लाख युवाओं को नौकरी से जोड़ा गया है जबकि क़रीब 2 करोड़ निजी रोज़गार और एमएसएमई के तहत रोज़गार उपलब्ध कराया जा चुका है.