मध्यप्रदेश

खाद्य मंत्री राजपूत ने प्रमुख सचिव को 3 दिवस में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के दिये निर्देश

भोपाल
रबी उपार्जन वर्ष 2024-25 का लगभग 100 गोदामों में भण्डारित गेहूँ की टग्रस्त/अपग्रेडेबल होने का मामला संज्ञान में आने पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश प्रमुख सचिव खाद्य श्रीमती रश्मि अरुण शमी को दिये हैं।

भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग के विभिन्न गोदामों में भंडारित गेहूँ को लिये जाने के लिये गुणवत्ता का परीक्षण कराया गया था। गुणवत्ता परीक्षण के दौरान गोदामों में भंडारित गेहूँ कीटग्रस्त/अपग्रेडेबल पाये जाने के कारण उसका प्रदाय भारतीय खाद्य निगम को नहीं हो सका। भारतीय खाद्य निगम द्वारा कीटग्रस्त/अपग्रेडेबल गेहूं को सात दिवस में मानक स्तर का बनाने के निर्देश दिये गए थे, इसके बाद भी कीटग्रस्त/अपग्रेडेबल गेहूं को निर्धारित समय में मानक स्तर का नहीं किया गया। इस मामले में प्राथमिक तौर पर म.प्र. वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही परिलिक्षित हुई है। खाद्य मंत्री राजपूत द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए म.प्र. वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के लापरवाह एवं गैर जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों की जवाबदारी तय करने के लिये प्रमुख सचिव खाद्य को 3 दिवस में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देशित दिये हैं जिससे दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की जा सकें।

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