हिंडनबर्ग रिसर्च किसी भारतीय कंपनी के बारे में एक बार फिर बड़ा खुलासा करने वाला है!
नई दिल्ली
हिंडनबर्ग रिसर्च याद है? अमेरिका की इस शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने पिछले साल गौतम अडानी पर ऐसा बम फोड़ा था कि अडानी ग्रुप आज तक उससे उबर नहीं पाया है। हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में एक और बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। कंपनी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत में जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेरफेर समेत कई तरह के आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इस रिपोर्ट के कारण ग्रुप के मार्केट कैप में $150 अरब तक गिर गया था। इससे गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी भारी गिरावट आई थी और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में काफी नीचे खिसक गए थे। हालांकि हाल के महीनों में अडानी ग्रुप के शेयरों ने काफी हद तक अपने नुकसान की भरपाई कर ली है।
Hindenburg Research ने अब तक कई कंपनियों में घालमेल का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस कंपनी की स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। दरअसल यह एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करती है। इस कंपनी का नाम छह मई, 1937 में हुए हाई प्रोफाइल हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे के नाम पर रखा गया है। यह दुर्घटना अमेरिका में न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है और फिर उसके बारे में रिपोर्ट पब्लिश करती है। कंपनी का दावा है कि उसकी नजर मैन-मेड डिजास्टर्स पर रहती है। इनमें अकाउंटिंग में गड़बड़ी, मिसमैनेजमेंट और छिपाकर किए गए लेनदेन शामिल हैं। कंपनी फिर प्रॉफिट कमाने के लिए टारगेट कंपनी के खिलाफ बेट लगाती है।
कई कंपनियों का भंडाफोड़
एंडरसन ने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट से इंटरनेशनल बिजनस में डिग्री लेने के बाद एक डेटा कंपनी FactSet Research Systems Inc में काम किया। वहां उनका काम इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों से जुड़ा हुआ था। साल 2020 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मुझे महसूस हुआ कि कामचलाऊ एनालिसिस हो रहा है।' एंडरसन इजरायल में एंबुलेंस ड्राइवर का काम भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें भारी दबाव में काम करने में मजा आता है। वह हैरी मार्कपोलोस को अपना रोल मॉडल मानते हैं। मार्कपोलोस एक एनालिस्ट हैं जिन्होंने बर्नी मेडॉफ की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश किया था। हिंडनबर्ग का दावा है कि 2017 से अब तक कम से कम 36 कंपनियों में गड़बड़ी का भंडाफोड़ कर चुकी है।
अडानी पर बेट से कितने कमाए
हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि अडानी सिक्योरिटीज की शॉर्टिंग से उसे अपने क्लाइंट के जरिए 4.1 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिला। लेकिन यह रकम रिसर्च में लगी उसकी राशि के बराबर भी नहीं है। कंपनी ने कहा कि हमने इनवेस्टर रिलेशनशिप के जरिए अडानी शॉर्ट्स से 4.1 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू अर्जित किया साथ ही कंपनी ने अडानी के अमेरिकी बांड को शॉर्ट करके भी 31,000 डॉलर कमाए। कंपनी का कहना है कि यह बहुत छोटी पोजीशन थी। लीगल और रिसर्च खर्चों को छोड़कर हम अडानी शॉर्ट पर भी ब्रेक-ईवन से आगे निकल सकते हैं। हिंडनबर्ग ने इस मामले में कोटक बैंक को भी लपेटा था। उसने कहा था कि बैंक ने एक विदेश फंड स्ट्रक्चर बनाया जिसे उसके इनवेस्टर पार्टनर ने अडानी ग्रुप के खिलाफ बेट के लिए इस्तेमाल किया।
सेबी ने हिंडनबर्ग को जारी किया था नोटिस
इस साल जून में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर चर्चा में आया था, जब उसने खुलासा किया कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने उनके खिलाफ भारतीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक नोटिस जारी किया था. यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने पहली बार अपनी रिपोर्ट में कोटक बैंक की स्पष्ट रूप से पहचान की. नतीजतन, इस खुलासे के कारण कोटक बैंक के शेयर मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट आई, जो शुरुआती कारोबारी सत्र में जून के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया.
हिंडेनबर्ग ने कहा कि भारतीय बाजार नियामक की ओर से 27 जून, 2024 को जारी किया गया नोटिस 'बकवास' है. इसे एक पूर्व-निर्धारित उद्देश्य को पूरा करने के लिए तैयार किया गया था. उसने कहा कि भारत में सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने का प्रयास है.
सेबी के नोटिस में हुआ था बड़ा खुलासा
सेबी के नोटिस में खुलासा हुआ कि किंगडन कैपिटल ने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआईएल) में महत्वपूर्ण निवेश किया है. यह पता चला कि किंगडन कैपिटल ने हाल ही में आई एक रिपोर्ट से बाजार में आई अस्थिरता का फायदा उठाया. फर्म ने रिपोर्ट सामने आने से पहले अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) में शॉर्ट पोजीशन स्थापित करने के लिए $43 मिलियन आवंटित करके एक रणनीतिक कदम उठाया. इसके बाद, किंगडन कैपिटल ने इन पोजीशन को सफलतापूर्वक बंद कर दिया, जिससे $22.25 मिलियन का लाभ हुआ.