मध्यप्रदेश

गैस राहत अस्पतलों में दवाई वितरण के लिये विभाग द्वारा पुख्ता व्यवस्थायें की गई, 252 प्रकार की दवाइयों नि:शुल्क

भोपाल  
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास विभाग द्वारा गैस पीड़ितों के उपचार के लिये 6 अस्पताल, 9 डे-केयर सेन्टर्स सहित 3-3 आयुर्वेदिक, हौम्योपैथी एवं यूनानी औषधालय संचालित किये जा रहे हैं। गैस राहत अस्पतलों में दवाई वितरण के लिये विभाग द्वारा पुख्ता व्यवस्थायें की गई है। सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना के तहत सभी गैस राहत अस्पतालों में इलाज के लिये आने वाले मरीजों को 252 प्रकार की दवाइयां नि:शुल्क वितरित की जा रही हैं।

गैस पीड़ितों को घर पहुँच एम्बुलेन्स सेवा की सु‍विधा भी दी जा रही है। गैस पीड़ित कोई भी मरीज 108 इमरजेन्सी नंबर डायल कर घर से अस्पताल आने एवं वापस घर जाने के लिये इस एम्बुलेन्स सेवा का नि:शुल्क लाभ ले सकते हैं। गैस राहत अस्तपालों में भर्ती मरीजों को नियमानुसार उपलब्ध आहार भी हर दिन नि:शुल्क दिया जा रहा है। बीमारी के समुचित उपचार के लिये अब तक 92 हजार 978 गैस पीड़ितों की स्वास्थ्य पुस्तिकाएँ भी विभाग द्वारा तैयार कर ली गयीं हैं।

संचालक, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास ने बताया कि गत वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 472 गैस पीड़ित कैंसर मरीजों को निजी चिकित्सालय- जवाहरलाल नेहरू कैंसर चिकित्सालय, ईदगाह हिल्स, भोपाल, चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बैरागढ़, भोपाल एवं नवोदय कैंसर चिकित्सालय, एमपी नगर, भोपाल में उपचार के लिये रेफर किया गया। इस उपचार पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति गैस राहत विभाग द्वारा की जाती है। गत वित्तीय वर्ष में 20 करोड़ रूपये का भुगतान कैंसर मरीजों की जांच एवं उपचार के लिये किया गया। गैस पीड़ित कैंसर मरीजों के इलाज खर्च की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था 1998 से प्रारंभ हुई। गत वित्तीय वर्ष में 6 हजार 138 गैस पीड़ित कैंसर मरीज इस व्यवस्था से लाभान्वित हो चुके हैं। इस पर कुल 146 करोड़ 99 लाख रूपये खर्च किये गये।

एम.आर.आई., सी.टी.स्केन, मेमोग्राफी, कलर डॉपलर तथा पेट-सीटी की व्यवस्था आउटसोर्स से अधिमान्यता प्राप्त संस्थानों के जरिये की जा रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में अधिमान्य संस्थाओं द्वारा गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों की रेडियोडायग्नोस्टिक जांचों में 188 सी.टी. स्केन एवं 164 पीईटी-सी.टी. स्केन कराये गये। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त गैस पीड़ितों एवं उनके बच्चों को विशेष प्रकरण के रूप में राज्य एवं राज्य के बाहर उपचार के लिये भी वित्तीय सहायता दी जाती है। इन प्रकरणों में लीवर प्रत्यारोपण, गुर्दा प्रत्यारोपण, बोन ट्यूमर, ह्दय रोग, कैंसर उपचार आदि गंभीर बीमारियाँ शामिल हैं।

संचालक ने बताया कि विभाग द्वारा सभी गैस पीडितों एवं उनके बच्चों के स्मार्ट कार्ड भी बनाये जा रहे हैं। भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, भोपाल द्वारा अबतक लगभग 3 लाख 86 हजार से अधिक गैस पीड़ितों तथा उनके बच्चों के स्मार्ट कार्ड/पहचान पत्र बनाये गये हैं। वर्तमान में बी.एम.एच.आर.सी. द्वारा गैस पीड़ितों एवं उनके बच्चों के बार-कोटेड स्मार्ट कार्ड तैयार किये जा रहे है। अबतक लगभग 30 हजार से अधिक गैस पीड़ितों एवं उनके बच्चों के स्मार्ट कार्ड तैयार कर लिये गये हैं। अब जो स्मार्ट कार्ड बनाये जायेंगे, वो बी.एम.एच.आर.सी. तथा गैस राहत की सभी चिकित्सीय इकाइयों में समान रूप से उपयोग किये जायेंगे।

 

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