मध्यप्रदेश

मीनू के आधार पर नहीं दी जा रही नौनिहालों को मध्यान भोजन, ग्रामीणों ने लगाए आरोप

डिंडौरी
वैसे तो मध्यान भोजन कार्यक्रम जो की मध्य प्रदेश शासन के द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है जिसका मूल उद्देश्य उन गरीब परिवार से अध्यनरत नौनिहाल जो की एक टाइम भी ठीक तरह से भोजन नहीं कर पाते, जिनके परिवार के जिम्मेदार लोग सुबह से ही मेहनत मजदूरी करने निकल जाते हैं ,और उनके बच्चे जहां -तहां खेलने रह जाते थे उनको ध्यान में रखते हुए स्कूल मैं ही भोजन की व्यवस्था की गई ताकि बच्चे अच्छे भोजन की लालसा से ही विद्यालय में प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज काराएं, जिससे उनके सर्वांगीण विकास हो सके पर अधिकांशतः यह देखने में आ रहा है जिन स्व सहायता समूह को या स्कूल प्रबंधन को मध्यान भोजन संचालित करने की व्यवस्था दी गई है वे अपनी जेब भरने के चक्कर में उन नौनिहालों के ही पेट को काटकर उनको गुणवत्ताहीन भोजन परोस रहे हैं, ऐसा नहीं है कि इन मामलों की जानकारी जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं है पर वे भी मोटी रकम के आगे नतमस्तक  हैं उनको तो बस उनका कमीशन चाहिए फिर चाहे नौनिहालों का पेट काटकर ही क्यों न दिया जाए ।
 ऐसा ही मामला विगत दिनों विकासखंड डिंडौरी के ग्राम पंचायत मडियारास प्राथमिक शाला में सामने आया जब जिला पंचायत उपाध्यक्ष अंजू व्यवहार शिक्षा व्यवस्था देखने ग्राम मड़ियारास पहुंची और जब उनके द्वारा एकीकृत शासकीय हाई स्कूल मडियारास माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शाला निरीक्षण करते हुए पाया गया ,कि प्राथमिक शाला में अध्यनरत छात्रों को भोजन कराया जा रहा है ,और भोजन में गुणवत्ताहीन चावल दाल एवं सब्जी परोसा जा रहा है वही प्राथमिक शाला में अध्ययन छात्र-छात्राओं के पालकों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं है दुर्गा स्वसहायता समूह के अध्यक्ष के द्वारा लगातार इसी तरह गुणवत्ता हीन भोजन खिलाया जा रहा है ऐसा नहीं है कि इस मामले को लेकर छात्र के पालकों  एवं ग्रामीणों के द्वारा इस पर सुधार करने कोई पहल नहीं की जाती है बावजूद इसके मध्य भोजन में कोई सुधार नहीं लाया जा रहा है

प्रधान अध्यापक के द्वारा भी लिखा गया था पत्र
प्राथमिक शाला मड़ियारास में भोजन की स्थिति में सुधार लाने प्रधानाध्यापक के द्वारा भी पूर्व में बी आर सी डिंडौरी को पत्र प्रेषित किया गया था इसके बाद भी प्राथमिक शाला मडियारास में मध्यान भोजन में सुधार नहीं आ पाया इसी तरह ग्रामीणों के द्वारा भी दुर्गा स्वास्थ्य सहायता समूह समेत अधिकारियों को भी मध्यान भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाने निवेदन किया गया था बावजूद इसके अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया। और ना कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई पहल किए हैं

आखिर क्यों नहीं समूह को जिम्मेदार अधिकारियों का डर
प्रधान अध्यापक समेत ग्रामीणों के शिकायत के बाद भी दुर्गा स्व सहायता समूह के द्वारा मध्यान भोजन की गुणवत्ता में सुधार न लाया जाना  समझ से परे है आखिर क्यों नहीं है समूह के अध्यक्ष को अधिकारियों का भय कहीं इसमें अधिकारियों की रजा मंदी तो नहीं ?

इनका कहना है:-
मामला संज्ञान में है बी आर सी महोदय जी से जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है कार्यवाही कहां तक पहुंची मैं जानकारी लेकर ही बतला पाऊंगा. आनंद मोर्य, मध्यान भोजन गुणवत्ता निरीक्षक

 

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