उत्तर प्रदेश

गेम खेलने को लेकर मां ने डांटा तो गाजियाबाद में आठवीं क्लास के छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली

 गाजियाबाद

मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलने को लेकर मां ने डांटा तो गाजियाबाद में आठवीं क्लास के छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतक छात्र अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। घटने के वक्त माता-पिता काम पर गए हुए थे। मां जब घर लौटी तो उसे घटना का पता चला। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

मूलरूप से मैनपुरी के गांव बेलार निवासी राम प्रसाद यादव अपनी पत्नी और 15 वर्षीय इकलौते बेटे यश यादव के साथ लालकुआं चौकी क्षेत्र की लक्ष्मी विहार रेलवे कॉलोनी के एक मकान में किराये पर रहते हैं। राम प्रसाद यादव एक दुकान पर नौकरी करते हैं और पत्नी घरों में चौका-बर्तन का काम करती है।

पुलिस के मुताबिक, यश को मोबाइल फोन पर गेम खेलने की लत लग गई थी। शुक्रवार को मां ने इसी बात को लेकर उसे डांट दिया और पढ़ाई पर ध्यान देने की नसीहत दी। इसके बाद राम प्रसाद यादव और उनकी पत्नी अपने-अपने काम पर चले गए, जबकि यश घर पर अकेला था। सुबह करीब साढ़े 11 बजे मां काम से घर लौटी तो इकलौते बेटे यश का शव फंदे पर लटका देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। बेटे को फंदे से उतारकर यश को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

एसीपी पूनम मिश्रा ने बताया कि वेव सिटी थाना क्षेत्र के लाल कुआं के पास लक्ष्मी विहार रेलवे कॉलोनी में राम प्रसाद के बेटे यश (15) का शव घर की छत पर लगे हुक में फंदे से लटका मिला। यश लालकुआं स्थित ज्योति पब्लिक स्कूल में आठवीं क्लास का छात्र था। मां की डांट से नाराज होकर उसने दुपट्टे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों ने कानूनी कार्रवाई तथा पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया और वे शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एसीपी ने कहा कि मृतक छात्र की मां ने पुलिस को बताया है कि यश ने ऑनलाइन गेम में दो लाख रुपये गंवा दिए थे।

यह प्रयास जरूरी

● अभिभावक बच्चों से लगातार संवाद करें, बच्चे के गुमसुम होने पर उसकी समस्या के बारे में पूछें और उसका समाधान करने का प्रयास करें।

● बच्चे की डिजिटल गतिविधियों पर भी नजर रखें कि वह सोशल मीडिया पर क्या कर रहा है।

● बच्चे के दोस्तों के बारे में भी जानकारी रखें, उसके स्कूल टीचर या अन्य अध्यापक से भी बात करते रहें।

● यदि परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में है तो उससे भी उनकी समस्या के बारे में बारे में बात करें।

 

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