कोरोना के नए सब-वैरिएंट का कहर, इन लक्षण वाले लोग हो जाएं सावधान!
नईदिल्ली
देश में कोरोना के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. देश में COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या और जेएन.1 सब-वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद से केंद्र सरकार ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारत में एक दिन में 702 कोविड-19 के नए मामले और 6 मौतें दर्ज की गई हैं. अब एक्टिव मामलों की संख्या 4,097 हो गई है. मामलों में वृद्धि जेएन.1 सब-वैरिएंट और BA.2.86 के कारण है. गुरुवार को अपडेट किए गए INSACOG के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में JN.1 सब-वैरिएंट के कुल मामलों की संख्या 157 हो गई है जिसमें केरल में सबसे अधिक 78 मामले और उसके बाद गुजरात में 34 मामले दर्ज किए गए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया है कि यह सब-वैरिएंट BA.2.86 में एक एक्स्ट्रा म्यूटेशन से बना है और यह काफी तेजी से फैलता है. इसलिए सभी को सावधान रहने की जरूरत है. दिल्ली में जेएन.1 सब-वैरिएंट का केस मिलने के बाद एम्स ने भी बताया है कि कौन से लक्षण वालों को बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी है और अगर ये लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करानी चाहिए.
ये लक्षण दिखें तो ना करें लापरवाही
एम्स मैनेजमेंट द्वारा COVID-19 गाइडलाइन के मुताबिक, SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) जैसे लक्षणों वाले रोगियों का कोविड टेस्ट किया जाएगा जिसमें तीव्र श्वसन संक्रमण, लगातार बुखार या 10 दिन से अधिक 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार हो.
इसके अलावा दूसरे एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड-19 के अलग-अलग वैरिएंट के कारण उसके लक्षणों में बदलाव दिख सकते हैं क्योंकि भारत के लोगों को वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं. कई लोगों को बूस्टर डोज भी लग चुकी है. हर बॉडी और उसकी इम्यूनिटी के आधार पर लोगों में अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं. सीडीसी ने 8 दिसंबर को जेएन.1 स्ट्रेन पर चर्चा करते हुए एक रिपोर्ट में कहा था, 'जेएन.1 के लक्षण कितने गंभीर पर हैं, यह बात व्यक्ति की इम्यूनिटी और ओवरऑल हेल्थ पर डिपेंड करती है.'
यूके के हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड के जेएन.1 सब-वैरिएंट से संक्रमित लोगों ने कुछ संकेत बताए हैं, जिनमें शामिल हैं:
गले में खराश
नींद न आने की समस्या
एंग्जाइटी
बहती नाक
खांसी
सिरदर्द
कमजोरी या थकान
मांसपेशियों में दर्द
यूके के डॉक्टर्स के मुताबिक, 'खांसी, गले में खराश, छींक आना, थकान और सिरदर्द सबसे अधिक बताए गए लक्षणों में से एक है लेकिन ये इंफ्लूएंजा के लक्षण भी हो सकते हैं इसलिए पहले टेस्ट कराएं.'
वैक्सीनेशन या पुराने संक्रमण से प्राप्त एंटीबॉडी के कारण नए वैरिएंट के कारण होने वाले मामूली लक्षणों में होने वाले परिवर्तनों को बताना मुश्किल है. खांसी, गले में खराश, छींक आना, थकान और सिरदर्द ज्यादातर लोगों में दिखाई दिया है.
जेएन.1 कितना खतरनाक है?
JN.1 वैरिएंट 41 देशों में फैल चुका है. WHO का कहना है कि JN.1 सब-वैरिएंट के सामने आने से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है, खासकर उन देशों में जहां सर्दी अधिक पड़ती है. एक्सपर्ट्स का कहना है, 'वैश्विक स्तर पर मामलों में बढ़ोत्तरी से पता चलता है कि जेएन.1 – एक ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है जो मजबूत इम्यूनिटी वालों को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने इसे यूएस में सबसे तेजी से बढ़ने वाला वैरिएंट बताया दिया है.
WHO का कहना है कि जेएन.1 सब-वैरिएंट के कारण अधिक खतरा होगा. हालांकि जेएन.1 संक्रमण तेजी से फैल रहा है इसलिए मामले तो बढ़ सकते हैं लेकिन मौजूदा सबूत यह नहीं बताते कि इसकी गंभीरता अधिक है. महाराष्ट्र के जीनोम सेक्वेंसिंग कॉर्डिनेटर डॉ. कार्यकार्टे का कहना है, 'यह कम जोखिम वाला संक्रमण है और पहले संक्रमण और/या टीकाकरण वाले लोगों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.'
जेएन.1 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' कैटेगरी में रखा है जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 वैरिएंट से बना है. हालिया सबूतों के आधार पर WHO का कहना है कि अभी इसका जोखिम कम है लेकिन इस पर निरंतर र वर्तमान साक्ष्यों के आधार पर JN.1 से जुड़े कम समग्र जोखिम को रेखांकित करता है, और निरंतर निगरानी की आवश्यकता पर बल देता है।