मध्यप्रदेश

भोपाल की कलियासोत नदी को बारहमासी बनाकर साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर करेंगे विकसित

भोपाल

भोपाल की हुजूर विधानसभा के विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान  केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर कोलार की कलियासोत नदी को बारहमासी बनाने के साथ-साथ साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित करने एवं उसके घाटों को विकसित कर पर्यटन केन्द्र बनाने की मांग को लेकर निवेदन पत्र सौंपा है। इस निवेदन पत्र में उन्होंने भोपाल की जीवन रेखा कहीं जाने वाली कलियासोत नदी के सालभर सूखे रहने की चिंता तथा उससे होने वाली नागरिक असुविधा को व्यक्त किया, साथ ही उसे बारहमासी बनाने के उपाय एवं उससे होने वाले लाभ को भी विधायक शर्मा ने मांग पत्र में उल्लेखित किया। गौरतलब है कि कलियासोत नदी कोलार से होते हुए बेतवा नदी में मिलती है। जो कि वर्तमान में कलियासोत डेम पर पूर्णरूपेण निर्भर करती है। डेम के गेट खुलने के बाद ही इस नदी में पानी आता है बाकि वर्ष भर यह सूखी रहती है।

विधायक शर्मा ने केंद्रीय मंत्री की ये मांगे

– कलियासोत नदी को बारहमासी बनाया जाए, इसके लिए तकनीकी आधार पर सुनिश्चित स्थानों पर स्टॉप डेम का निर्माण कराया जाए। इससे बहुत बड़ी आबादी के जलसाधन – ट्यूबेल, बावड़ी आदि के जल स्तर में वृद्धि होगी।
– गुजरात के मुख्यमंत्री रहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने जिस तरह साबरमती नदी पर रिवर फ्रंट का निर्माण कराकर उसे न केवल स्वच्छ और सुंदर बनाया, बल्कि चर्चित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित भी कराया। उसी तर्ज पर कलियासोत नदी को बारहमासी नदी बनाते हुए, साबरमती रिवर फ्रंट की तरह विकसित किया जाए।
– कलियासोत नदी पर घाटों का निर्माण हो जिससे कि सनातनी परम्पराओं का निर्वहन किया जा सके। यहां पाथ-वे, आकर्षक पार्क, वाटर स्पोर्ट्स गतिविधि, फूड कोर्ट का निर्माण कराया जाए, जिससे कलियासोत नदी के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे।
– कलियासोत नदी के सम्पूर्ण आबादी क्षेत्र के यथास्थिति दोनों ओर रिटेनिंग वॉल अथवा पीचींग कर इसमें होने वाले अतिक्रमण को रोका जाए।
– समय-समय पर माननीय NGT एवं विभिन्न पर्यावरण प्रेमियों द्वारा कलियासोत नदी के संरक्षण संवर्धन की दिशा में चिंता व्यक्त की जाती रही है। कलियासोत नदी के बारहमासी बनने एवं पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होने के बाद इस पर होने वाले अतिक्रमण एवं प्रदूषण की चिंता पूर्णतः समाप्त हो जाएगी।
– चूंकि कलियासोत नदी वृहद क्षेत्र में फैली हुई है, इसलिए इसके पर्यटन एवं संरक्षण व संवर्धन की विस्तृत रूप रेखा के लिए आगामी वर्षों के लिए इसका मास्टर प्लान भी बनाया जाए।
– कलियासोत डेम से नहर के माध्यम से भोपाल एवं रायसेन जिले की हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है। इस नदी पर स्टॉप डेम बनने से सिंचाई क्षेत्र का रकबा भी बढ़ेगा।

कलियासोत नदी भोपाल की है जीवन रेखा
केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात को लेकर विधायक रामेश्वर शर्मा ने बताया कि  कलियासोत नदी भोपाल की जीवन रेखा है। उसे बचाने का दायित्व हम सबका है। और केवल बचाना नहीं है, उसका संवर्धन भी करना है। इसको लेकर कल माननीय केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी से भेंट कर उनको कलियासोत नदी की यथास्थिति से अवगत कराया। साथ ही उनकी विकास योजना को लेकर भी सुझाव प्रस्तुत किए। उन्हें गुजरात की साबरमति रिवर फ्रंट की कार्य योजना की भी जानकारी दी। जिसके मूल स्वरूप एवं पर्यावरण के अनुरूप CEPT अहमदाबाद (Center for Environmental Planning and Technology) द्वारा विकसित किया गया था। कलियासोत के सौंदर्गीकरण हेतु भी इसी तरह के  अनुभवी संस्थान के द्वारा कार्य योजना बनवाई जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री कलियासोत नदी के संरक्षण की दिशा में साबरमती नदी की तर्ज पर विकसित करने हेतु सार्थक निर्देश सम्बन्धितों को दिए । जिसके लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया ।

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