बिहार में सरकारी बालू का मोबाइल से करें ऑर्डर, घर बैठे मिलेगी डिलीवरी
पटना.
अब बिहार सरकार लोगों के घर तक बालू और गिट्टी पहुंचाएगी। घर में बैठकर मोबाइल से बालू और गिट्टी को ऑनलाइन ऑडर करना है। इसके बाद बालू होम डिलीवरी के जरिए आपके पास पहुंच जाएगा। दरअसल, खान एवं भूतत्त्व विभाग की ओर से "बालू मित्र" पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इस पोर्टल के जरिए कोई भी शख्स बालू का ऑनलाइन ऑर्डर कर सकता है।
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि एनडीए सरकार जनता को उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता का बालू उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए बालू मित्र पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इस पोर्टल को संचालित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बिहार स्टेट माईनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को प्राधिकृत किया गया है।
अपनी पसंद का बालू आनलाइन ऑर्डर कर सकेंगे
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि बालू मित्र पोर्टल पर सभी बालूघाट बंदोबस्तधारी एवं बालू बेचने वाले अनुज्ञप्तिधारी निबंधित रहेंगे, जिनक द्वारा बालू का विक्रय दर पोर्टल पर प्रदर्शित होगा। विक्रय दरों की तुलना कर क्रेता अपनी पसंद का बालू आनलाइन ऑर्डर कर सकेंगे। इसी प्रकार ट्रांसपोर्टरों का भी निबंधन एवं वाहन के प्रकार के अनुरूप प्रति किलोमीटर परिवहन किराया बालू मित्र पोर्टल पर दर्ज रहेगा। बालू मित्र पोर्टल पर ग्राहकों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार अपना नाम, पता एवं बालू का प्रकार एवं उसकी मात्रा का विवरण डालकर ओटीपी माध्यम से सत्यापन के बाद ऑर्डर बुक किया जा सकता है। ग्राहक बालू की खरीद सीधे संचालित बालूघाटों या भंडारण अनुज्ञप्तियों से कर सकते हैं।
वाहनों की मॉनिटरिंग जीपीएस के माध्यम से की जाएगी
डिप्टी सीएम ने कहा कि ग्राहक बालू खरीद के जरिए ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते हैं। पोर्टल के लागू होने से कम दाम पर बालू आमजन को उपलब्ध होगा। साथ ही वाहन मालिक भी स्वयं अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन बालू मित्र पोर्टल पर करा पाएंगे। इसके लिए वाहन, वाहन मालिक एवं चालक से सबंधित सूचनाएं प्रविष्ट करते हुए ओटीपी के माध्यम से सत्यापित करना होगा। ऑर्डर कन्फर्म होने के उपरान्त ग्राहक को वाहन निबंधन संख्या, वाहन मालिक एवं चालक का नाम एवं मोबाइल नंबर एमएसएस के माध्यम से सूचित किया जायेगा। उचित विक्रेता एवं ट्रांसपोर्टर के चयन के उपरान्त ऑनलाइन पेमेंट के बाद बालू की आपूर्ति के लिए आदेश मिलेगा। साथ ही ग्राहक तक पहुंचने की अवधि तक इन वाहनों की मॉनिटरिंग जीपीएस के माध्यम से की जाएगी। ग्राहक भी इन वाहनों को ट्रैक कर सकते हैं।