देश

देश स्वदेशी तकनीक से बुलेट ट्रेन विकसित करने पर काम कर रहा है : वैष्णव

नई दिल्ली
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
ने कहा है कि बुलेट ट्रेन की परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और इसे स्वदेशी तकनीकी में ढाला जा रहा है तथा जैसे ही यह काम पूरा हो जाएगा, पूरे देश में वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

वैष्णव ने  लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और इसका बजट भी बढ़ा दिया गया है। इसे अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया जा रहा है और कई जगह इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए बुलेट ट्रेन चलाने संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन का डिजाइन आत्मनिर्भर भारत में बनने लगा है और सरकार का सारा फोकस इस समय बुलेट ट्रेन की तकनीक हासिल करने पर है। जैसे ही तकनीक पर पूरी तरह से पकड़ हो जाएगी, पूरे देश में वंदे भारत ट्रेन की तरह बुलेट ट्रेन की पहुंच बढ़ा दी जायेगी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र वाले हिस्से में काम धीमा हो गया था, लेकिन 2022 में भाजपा-शिवसेना-राकांपा की महायुति सरकार के सत्ता में आने के बाद इसमें तेजी आई और राज्य सरकार से सभी प्रासंगिक अनुमतियां मिल गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब काम बहुत तेजी से चल रहा है।’’

मंत्री ने कहा कि समुद्र के नीचे भारत की पहली रेल सुरंग का निर्माण चल रहा है, जो 21 किलोमीटर लंबी होगी।

उन्होंने कहा कि शुरुआत में भारत को बुलेट ट्रेन की तकनीक विदेशों से मिली थी, लेकिन अब देश में भी कई तकनीकें विकसित हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बुलेट ट्रेन विकसित करने और 'आत्मनिर्भर' बनने पर काम कर रहे हैं।’’

रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन के लिए विभिन्न स्टेशनों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और हम 2026 में एक सेक्शन में पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए तैयार हैं.  केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर बुलेट ट्रेन का काम बहुत अच्छे से चल रहा है. इसके लिए 290 किलोमीटर से अधिक का काम पहले ही किया जा चुका है.

इसके लिए आठ नदियों पर पुल बनाए गए हैं. 12 स्टेशनों पर काम चल रहा है. कई स्टेशन ऐसे हैं, जिसका काम पूरा होने वाला है. इसके साथ ही दो डिपो पर काम चल रहा है. केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस को बताया कि 2026 में बुलेट ट्रेन के पहले खंड के परिचालन के लिए काम बहुत तेज गति से चल रहा है. उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन एक बेहद जटिल परियोजना है. इस पर काम 2017 में शुरू हुआ और डिजाइन को पूरा करने में लगभग ढाई साल लग गए.

बहुत जटिल है डिजाइन
केंद्रीय मंत्री ने बताया, “इसका डिज़ाइन बहुत जटिल है क्योंकि जिस गति से ट्रेन को चलाना होता है, उसमें कंपन बहुत तेज़ होता है.” अश्विनी वैष्णव ने विस्तार से बताया, “उन कंपनों को कैसे मैनेज करें? अगर हमें ऊपर से करंट लेना है तो वह करंट कैसे लें? उसकी गति, एरोडायनामिक्स आदि जैसी हर चीज को बहुत सावधानी से देखना होगा और उसके तुरंत बाद काम शुरू हो जाएगा.”

क्यों हुई देरी?
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बीच में कोविड महामारी के कारण थोड़ा झटका लगा. इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव ने कहा, “महाराष्ट्र में, उद्धव ठाकरे की सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिससे परियोजना में देरी हुई. लेकिन, काम अब बहुत अच्छी प्रगति पर है.” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में 21 किमी लंबी सुरंग है, जिसमें 7 किमी समुद्र के नीचे का हिस्सा भी शामिल है। सुरंग का सबसे गहरा टनल 56 मीटर नीचे है। इन टनल के अंदर बुलेट ट्रेनें 300-320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी.” जापान की शिंकानसेन तकनीक (जिसे बुलेट ट्रेन भी कहा जाता है) का उपयोग करके मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल का निर्माण करना और लोगों के लिए तेज गति वाली परिवहन प्रणाली विकसित करना इसका उद्देश्य है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button