महामंडलेश्वर इंद्रदेव पर छिड़ी जंग, संतों के दो गुट आमने-सामने
मथुरा
तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन में स्थित अक्रूर मंदिर में मंगलवार को धर्म रक्षा संघ एवं रासबिहारी समाज की एक धर्म सभा आयोजित हुई। इसमें वृंदावन के संत-महंत, धर्माचार्य, भागवताचार्य, रासाचार्य, चतुर्वेदी समाज, रामलीला कमेटी, क्षत्रिय समाज एवं ब्रजवासियों ने महामंडलेश्वर इंद्रदेव द्वारा व्यासपीठ पर बैठकर रामलीला में प्रभु श्रीराम और माता सीता का पात्र बनने वाले स्वरूपों पर अमर्यादित टिप्पणी किए जाने का विरोध किया। धर्म सभा की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज ने की।
साधु-संतों, धर्माचार्य एवं रासबिहारी समाज द्वारा सर्वसम्मति से धर्म सभा में पारित किए गए प्रस्ताव में इंद्रदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने, इंद्रदेव को श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से बर्खास्त करवाने, सामाजिक एवं धार्मिक बहिष्कार करने, आवश्यकता पड़ने पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि महामंडलेश्वर इंद्रदेव की हठधर्मिता को देखते हुए संत समाज रासबिहारी समाज, चतुर्वेदी समाज और धर्म रक्षा संघ ने उसके विरुद्ध धर्म युद्ध का एलान कर दिया है, जब तक वह दंड प्रक्रिया को स्वीकार नहीं करेंगे तब तक यह युद्ध समाप्त नहीं होगा।
इंद्रदेव द्वारा की गई टिप्पणी अक्षम्य
श्रीचतुर्वेदी रामलीला महासभा के अध्यक्ष बैजनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि व्यास मंच पर जिस प्रकार की अभद्र टिप्पणी इंद्रदेव द्वारा की गई है वह अक्षम्य अपराध है। रासबिहारी समाज के स्वामी देवकीनंदन महाराज ने भी विचार रखे। धर्म सभा के अध्यक्ष महामंडलेश्वर कृष्णानंद महाराज ने कहा कि इंद्रदेव के खिलाफ ब्रजवासियों का विरोध जारी रहेगा।
यह लोग रहे मौजूद
इस मौके पर महामंडलेश्वर रामस्वरूप दास ब्रह्मचारी महाराज, महंत फूलडोलबिहारी दास महाराज, सनत कुमार दास, महंत मोहनी बिहारी शरण, स्वामी सत्यमित्रानंद, आचार्य बद्रीश, स्वामी हरिवल्लभ ठाकुर, स्वामी देवकीनंदन शर्मा, स्वामी लेखराज शर्मा, स्वामी अवधेश शर्मा, गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, अमित भारद्वाज आदि लोग मौजूद थे।
परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा किशोरी धाम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव महाराज के माफी मांगने के बाद इसे तूल नहीं देना चाहिए। धर्माचार्यों और संतों ने इस मामले का पटाक्षेप होने के बाद पुनः न उठाने की अपील की है।
स्वामी कर्मयोगी महाराज ने कहा कि कथा वक्ता स्वामी इंद्रदेव महाराज ने रामलीला के कुछ पात्रों को लेकर जो टिप्पणी की थी उस पर अपनी गलती का एहसास करते हुए उनके द्वारा क्षमा याचना की गई है। इस क्षमा याचना के बाद अब उन्हें सर्व समाज को माफ कर देना चाहिए।
रासाचार्य रसिया लाल शर्मा ने कहा कि स्वामी इंद्रदेव द्वारा क्षमा मांगते हुए आगे ऐसा न होने की बात कही है तो अब इस मामले को अधिक तूल देने के बजाय शांत कर देना चाहिए।
अघोर पीठाधीश्वर स्वामी बाल योगेश्वरानंद, आचार्य यदुनंदन, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिहारी लाल वशिष्ठ, ईश्वर चंद्र रावत, महंत स्वामी आदित्यनंद, महामंडलेश्वर चित्रप्रकाशानंद, महामंडलेश्वर सुरेशाचार्य अघोर, पीठाधीश्वर बाल योगेस्वरानंद, महामंडलेश्वर सुरेशानंद महाराज आदि मौजूद रहे।