छत्तीसगड़

प्रसिद्ध प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना में किया शामिल

जशपुर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्ध प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है. इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा. साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है.

मयाली का महत्व और सुविधाएं
उल्लेखनिय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है. बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है. वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है. इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं. विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है.

पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है. इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं. राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है. इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके. इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है.

विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति
स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है. इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

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