मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री यादव ने प्रदेश के किसानों से निवेदन करते हुए कहा कि अपनी जमीन मत बेचना, कर्जा ले लेना, लेकिन जमीन मत बेचना

भोपाल

 राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन हॉल में "आत्मनिर्भर पंचायत, समृद्ध मध्य प्रदेश" विषय को लेकर तीनदिवसीय सम्मेलन मंगलवार से शुरू हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका उद्घाटन किया। इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मंत्री प्रह्लाद पटेल, एदल सिंह कंषाना, राज्यमंत्री लखन पटेल और राधा सिंह के अलावा जिला पंचायत तथा जनपद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सीईओ उपस्थित हैं।

गांव-गांव में बदलेगा माहौल

सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संबोधन में प्रदेश के ग्रामीणों और किसानों से निवेदन करते हुए कहा कि अपनी जमीन मत बेचना। कर्जा ले लेना, लेकिन जमीन मत बेचना। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में मध्य प्रदेश की स्थिति बदलने वाली है। एमपी के गांवों का माहौल बदलेगा। मध्यप्रदेश में निरतंर खेती में सुधार हो रहे हैं। यहां की उर्वरा भूमि खेती के मामले में अब पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ेगी। यह मैं गारंटी ले सकता हूं। हम प्रदेश के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। निश्चित रूप से पूरे क्षेत्र में बदलाव आने वाला है। किसान की आमदनी का साधन खेती और पशुपालन है।

   गोवंश संरक्षण को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गोमाता की सेवा और संरक्षण के लिए तत्पर है। हमने कैबिनेट में गोशाला बनाने का निर्णय लिया। जो गाय अपाहिज, बूढ़ी और असहाय है उसे सरकार पालेगी। इसके लिए बड़ी-बड़ी गोशालाओं को पर्याप्त धन राशि हमारी सरकार प्रति गाय ₹40 प्रतिदिन के हिसाब से देगी। जो किसान भाई 10 गाय से ज्यादा गाय पालेगा उसे सरकार अनुदान देगी, हम दूध पर भी बोनस देने वाले हैं ताकि पशुपालन को बढ़ावा मिले। हमारी सरकार ने निर्णय किया कि ऐसी गौमाता जो बूढ़ी, अपाहिज व असहाय हैं, उन्हें पालने के लिए सरकार राशि देगी। जो किसान 10 गायों से ज्यादा पालेगा, उसे हमारी सरकार अनुदान देगी। हम दूध पर भी बोनस देना शुरू करने वाले हैं, जिससे पशुपालन को बढ़ावा मिले।

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