देश

दिल्ली HC में पहला पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम शुरू, जज सुनाएंगे फैसला और AI लिखेगा

नई दिल्ली
तीस हजारी कोर्ट में शुक्रवार को एक नई पहल हुई, जिसने दिल्ली के इस सबसे पुराने जिला अदालत परिसर को एडवांस तकनीक की नई ऊंचाइयों पर ला खड़ा किया। यहां पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर हाइब्रिड कोर्ट का उद्‌घाटन हुआ, जो 'स्पीच टू टेक्स्ट' की सुविधा से लैस कोर्ट है। यानी, अब गवाह बस बोलेगा और उसका बयान कंप्यूटर पर अपने आप दर्ज होता जाएगा। जज को न तो उसका बयान दोहराने की जरूरत पड़ेगी और न स्टेनोग्राफर को उसे टाइप करने की।

दिल्ली हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन ने अन्य जजों की मौजूदगी में इस कोर्ट का उद्‌घाटन किया। जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस सुरेश कुमार कैत के साथ हाई कोर्ट के अन्य जजों ने भी अपनी मौजूदगी से कार्यक्रम की अहमियत दर्शायी। आयोजन को सफल बनाने में दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी ने अहम भागीदारी निभाई। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा भी अन्य वकीलों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए।

एसीजे मनमोहन ने कहा कि सॉफ्टवेयर की मदद से बयान दर्ज करने में छेड़छाड़ या बदलाव की गुंजाइश ही खत्म हो जाएगी, जजों को स्टेनोग्राफर की कमी नहीं खलेगी और न्यायिक प्रक्रिया निष्पक्ष होने के साथ आम जनता का भरोसा हासिल करेगी। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) की अहमियत को स्वीकारते हुए एसीजे मनमोहन ने कहा कि यह AI का सही मायनों में इस्तेमाल है। इसके साथ इस दिन जजों के लिए एक नया एप भी लॉन्च किया गया। डिजिटल कोर्ट एप्लीकेशन के जरिए अब सारे जज सभी मामलों की ई-फाइल देख सकेंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button