देश

दूसरी शादी करने के बाद भी पहले पति से गुजारा भत्ता लेने के मामले में SC ने दंपती को छह-छह महीने जेल की सजा सुनाई

नई दिल्ली
बिना तलाक दूसरी शादी करने के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक दंपती को 6-6 महीने जेल की सजा सुनाई है। हालांकि इस मामले को असाधारण बताते हुए आरोपियों को विशेष छूट दी गई है। सुप्रीम कोर्ट नेक कहा कि दंपती का छोटा बच्चा भी है, ऐसे में इन्हें अलग-अलग समय पर सजा काटने की छूट दी जाती है। कोर्ट ने कहा कि 6 साल के बच्चे की देखभाल भी जरूरी है इसलिए दोनों आरोपी बारी-बारी से सजा काट सकेंगे। एक आरोपी की सजा पूरी होने के बाद दूसरे को दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करना होगा।

जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय कुमार ने कहा कि पति को पहले छह महीने की सजा काटनी होगी। इसके बात दो सप्ताह के अंदर महिला को सरेंडर करना होगा। ऐसे में माता-पिता के जेल में रहते हुए बच्चे को दिक्कत नहीं होगी। उसके पास मां-बाप में एस कोई एक मौजूद रहेगा।

क्या है पूरा मामला
दरअसल एक महिला ने दूसरी शादी कर ली थी इसके बावजूद वह पहले पति से गुजारा भत्ता ले रही थी। पहले पति ने सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाई कोर्ट के 2022 के फैसले को चुनौती दी थी। मद्रास हाई कोर्ट ने आरोपी दंपती को दोषी ठहराया था लेकिन सजा केवल राइजिंग ऑफ द कोर्ट तक ही सुनाई थी। इसका मतलब है कि जितनी देर कोर्ट में मामले की सुनवाई चलती है, उतनी देर के लिए ही आरोपियों को सजा होती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध के मुताबिक यह सजा पर्याप्त नहीं है।

बेंच ने कहा कि द्विविवाह जैसे मामले एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आते हैं और इससे समाज पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में अगर हल्की सजा दी जाती है तो उससे भी समाज में गलत संदेश जाएगा। बेंच ने अपराध के अनुसार सजा को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि सभ्य समाज का न्याय व्यवस्था में यकीन बनाए रखना बहुत जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित के अधिकार को भी ध्यान में रखना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 494 के तहत ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा दी जा सकती थी। अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 82 के तहत सजा के प्रावधान को ध्यान में रखा जाएगा।

कोर्ट ने कहा कि दूसरे पति से बच्चे को जन्म देने से पहले तक महिला पहले पति से निर्वाह राशि ले रही थी। इस बात के सबूत हैं कि दूसरी शादी करने के बाद भी पहले पति से महिला गुजारा भत्ता ले रही थी। वहीं वह दूसरे पति से गर्भवती भी हो गई।  ऐसे में कहा जा सकता है कि इस मामले में आरोपियों पर नाजायज रहम की गई है। ऐसे में पति और पत्नी दोनों को छह-छह महीने की जेल काटनी होगी। कोर्ट ने कहा कि बच्चे की देखभाल को देखते हुए दोनों अलग-अलग समय पर बारी-बारी से सजा काटेंगे। हालांकि यह फैसला विशेष परिस्थिति में दिया गया है जो कि आगे के लिए नजीर नहीं होगा।
 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button