देश में 4 बेगम और 36 बच्चे वाला काम अब नहीं होना चाहिए : बालमुकुंद आचार्य
नई दिल्ली
हवामहल से विधायक बालमुकुंद आचार्य जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अपनी राय रखते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि एक ऐसा समाज भी है जो देश में 4 बेगम और 36 बच्चे रखता है। उन्होंने कहा, विधानसभा सदन के अंदर भी ऐसे व्यक्ति हैं जो 3-4 पत्नी रखते हैं। 4 बेगम और 36 बच्चे वाला काम अब नहीं हो ना चाहिए। बालमुकुंद आचार्य ने कहा, एक वर्ग है जो एक पत्नी और 2 बच्चे, बस यही चाहता है जबकि दूसरा वर्ग इसी काम में लगा है कि 4 बेगम और 36 बच्चे हों। उन्होंने कहा, ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। सबके लिए समान कानून होना चाहिए।
बालमुकुंद आचार्य ने अपनी बात रखते हुए कहा, मैं लगातार मांग कर रहा हूं कि देश में एक कानून हो। उन्होंने कश्मीर का उदाहरण देते हुए कहा, कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पूरे देश में जो कानून है वही कश्मीर में भी है। जनसंख्या नियंत्रण पर बात करते हुए उन्होंने कहा, आबादी बहुत तेजी से बढ़ कही है जो एक बड़ी समस्या है। एक समाज है जो 4 बेगम और 36 बच्चे रखता है। ये बिल्कुल गलत है। सबके लिए समान कानून होना चाहिए।
इससे पहले भारत के जनसांख्यिकीय परिवर्तन पर एक नयी रिपोर्ट का हवाला देते हुए, अनुराग ठाकुर ने आश्चर्य जताया कि देश में मुसलमान कैसे असुरक्षित महसूस कर सकते हैं, खासकर जब उनकी आबादी में कथित तौर पर 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और वे सरकारी कल्याण कार्यक्रमों के बराबर के लाभार्थी रहते हैं।
हाल में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जनसंख्या प्रवृत्तियों पर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 1950 और 2015 के बीच बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे संकेत मिलता है कि विविधता को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण है। हालांकि, इसने पूर्ण संख्याएं नहीं दीं।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ठाकुर ने शुक्रवार देर रात ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अल्पसंख्यक स्पष्ट रूप से फूल-फल रहे हैं और उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।