उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 32 लाख लाभार्थियों को पहली किश्त 31 जुलाई तक
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में जिन 32 लाख बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन की पहली किश्त अब तक नहीं मिल सकी है, उनके अकाउंट में इस महीने 31 जुलाई तक पेंशन जरूर पहुंच जाएगी। यह दावा समाज कल्याण विभाग की तरफ से किया गया है। आधार कार्ड के वेरिफिकेशन और बैंक से एनपीसीआई अकाउंट को एनपीसीआई के पोर्टल पर लिंक करने की दिक्कत के चलते जिनकी पेंशन नहीं मिल रही है, उनके लिए सीडीओ ऑफिस में विशेष इंतजाम किया गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के सभी जिलों में 52 लाख बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन मिलती है, जिनमें से 15 जून तक महज 20 लाख लाभार्थियों को ही पेंशन भेजी गई है। अफसरों का दावा है कि बाकी लाभार्थियों को 31 जुलाई तक पहली किश्त भेज दी जाएगी। दावा किया जा रहा है कि बचे हुए लाभार्थियों में से ज्यादातर को अगले एक सप्ताह में पैसा भेज दिया जाएगा।
सरकार राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नागरिकों को मिलने वाले सभी तरह के लाभ के लिए उनके बैंक अकाउंट में डायरेक्ट पेमेंट करती है। लाभार्थियों के बैंक अकाउंट को एनपीसीआई के पोर्टल पर लिंक करने का निर्देश दिया है। ऐसे लाभार्थी जिनके बैंक अकाउंट अभी तक एनपीसीआई पोर्टल पर लिंक नहीं हुए हैं, वह अपने बैंक की शाखा में जाकर वहां आधार पैन कार्ड और एक प्रार्थनापत्र देकर अपने बैंक अकाउंट को एनपीसीआई के पोर्टल पर लिंक कर सकते हैं।
डाक विभाग में खुलवाया जाएगा नया अकाउंट
सीडीओ कार्यालय में विशेष इंतजाम के तहत काउंटर खोला गया है। इसमें इंडियन पोस्ट पेमेंट और पेंशन अनुभाग के कर्मचारियों को बैठाया गया है। यहां आने वाले बुजुर्ग अगर अपने बैंक से आधार वेरिफिकेशन या एनपीसीआई नहीं करवा पाते हैं तो इस कमरे में बैठे कर्मचरी उनकी मदद करेंगे और जरूरत पड़ने पर पेंशन के लिहाज से सारे मानक पूरे करते हुए पोस्ट ऑफिस में नया अकाउंट खोल देंगे ताकि उसमें पेंशन भेजी जा सके। समाज कल्याण अधिकारी सुनीता सिंह के मुताबिक वृद्धावस्था पेंशन के लिए आधार वेरिफिकेशन और एनपीसीआई कराना होता है। एनपीसीआई कराने के लिए लाभार्थी को बैंक में जाकर वहां अंगूठा लगाना होता है।
इस समस्या को देखते हुए सीडीओ कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर ही एक कमरे में काउंटर बना दिया गया है। लखनऊ में वृद्धावस्था पेंशन के 62 हजार लाभार्थी हैं। इन्हें 15 जून को पहली किश्त के तौर पर तीन तीन हजार रुपये भेजे जाने थे, लेकिन ज्यादातर के अकाउंट में यह रकम नहीं पहुंची। इसे लेकर कई लाभार्थी समाज कल्याण कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि बचे हुए लाभार्थियों में से ज्यादातर को अगले एक सप्ताह में भी योजना के तहत पैसा भेज दिया जाएगा।