मध्यप्रदेश

प्रदेश में अब घर बैठे मरीज ले सकेंगे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट, सरकारी अस्पताल की लंबी लाइन से मिलेगी छुट्टी

भोपाल

मध्य प्रदेश सरकार यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं को हाईटेक बनाने जा रही है. अब तक प्राइवेट डॉक्टरों से ही अपॉइंटेमेंट लेकर मिलने की सुविधा थी,लेकिन अब यह सुविधा सरकारी अस्पतालों में भी शुरू होने जा रही है.

फिलहाल अभी इस सुविधा के लिए प्रदेश के दो जिले राजधानी भोपाल और सीहोर को शामिल किया गया है. पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत अब मरीज हेल्पलाईन के जरिए सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों से अपॉइंमेंट लेकर मिल सकेंगे और अपना इलाज करा सकेंगे.

टोल फ्री नंबर जारी
मध्य प्रदेश राज्य स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा आयुष्मान भारत निरामयम हेल्पलाइन नंबर 1800-233-2085 का संचालन किया जा रहा है. टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते समय नागरिकों को अपना आधार कॉर्ड और आधार कॉर्ड से जुड़ा हुआ मोबाइल नंबर साथ रखना आवश्यक है.

इस योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के विभिन्न घटकों को मजबूत करने और आयुष्मान भारत निरामयम के अंतर्गत सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विलियम जे क्लिंटन फाउंडेशन के सहयोग से एक पायलट परियोजना प्रदेश के दो जिलों भोपाल और सीहोर में  प्रारंभ की गई है.

मिलेंगी चार प्रकार की सुविधा
इस पायलट परियोजना के बारे में सीएमएचओ डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा देने और नागरिकों को समय पर उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है. नागरिक हेल्पलाइन नंबर पर चार प्रकार की सेवाओं का लाभ ले सकते हैं.

जिनमें हेल्पलाइन पर फोन कर स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध सेवाओं के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है. सभी बीमारियों के लिए सरकारी अस्पतालों में उचित डॉक्टरों से अपॉइंटमेंट की सुविधा प्राप्त कर सकते है.

सभी स्वास्थ्य सेवाएं रहेंगी उपलब्ध
इस परियोजना के तहत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता आभा आईडी बनवाने की सुविधा ले सकते है. आभा आईडी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाना और सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सेवाओं का आसानी से लाभ प्राप्त कर सकते है.

इसके साथ डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड बनवा सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य रिकार्ड से डॉक्टरों को मरीजों की पूरी मेडिकल हिस्ट्री उपलब्ध होगी और इलाज में आसानी होगी.

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