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राजस्थान सरकार के बजट में जल परियोजनाओं पर एक लाख करोड़ का निवेश

बूंदी.

राजस्थान की भजनलाल सरकार अगले साढ़े चार वर्षों में पानी की उपलब्धता के लिए बड़ा निवेश करने जा रही है। इन साढ़े चार सालों में करीब एक लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट हाथ में लिए जाएंगे। इनमें जल संचय प्रणाली तंत्र विकसित करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से वॉटर ग्रिड मिशन चलाया जाएगा।

वहीं, पिछली गहलोत सरकार में शुरू की गई ERCP परियोजना से जुड़े पांच बड़े लिंक प्रोजेक्ट्स पर ही 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसमें मेज-बैराज, बूंदी, डूंगरी बांध और राठौड़ बैराज-सवाई माधोपुर पर इनके परिवहन तंत्री के लिए लगभग 13 हजार करोड़ रुपये काम करवाए जाएंगे। इसरदा बांध से रामगढ़ बांध में पाइपलाइन के जरिए पानी सप्लाई का बड़ा प्रोजेक्ट भी शामिल है। इस पर करीब 4 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी तरह डूंगरी बांध से अलवर के लिए भी पानी का रिजर्वायर बनाया जाएगा जिस पर 9700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाढ़ के समय आए पानी का सदुपयोग हो सके इसके लिए रन ऑफ वॉटर ग्रिड स्थापित किया जाएगा। इस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें लगभग 100 से ज्यादा एनिकटों की मरम्मत का काम भी हाथ में लिया गया है, जिस पर 550 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही मनरेगा में भी जल संग्रहण और जल संरक्षण से जुड़े काम करवाए जाएंगे, जिस पर 2 हजार 627 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा नहरी तंत्र को भी मजबूत बनाने के लिए करीब 20 से ज्यादा प्रोजेक्ट हाथ में लिए जाएंगे।

सिंचाई परियोजनाओं पर भी बड़ा निवेश
जल संग्रहण और जल संचय परियोजनाओं के साथ कृषि सिंचाई परियोजनाओं पर भी बड़ी राशि खर्च की जाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए लगभग 840 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि पिछले बजट में यह राशि लगभग 268 करोड़ रुपये थी।

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