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राजस्थान की भजनलाल सरकार को धरने-प्रदर्शन से डर: गहलोत

जयपुर.

नई सरकार के गठन के बाद हुए फैसलों को लेकर युवाओं के अलग-अलग संगठन जनवरी से प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन लोकसभा चुनाव की अचार संहिता लगने के कारण सभी प्रकार के धरने और प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई थी। अब चुनाव संपन्न होने के साथ ही एक बार फिर से ये सभी संगठन आंदोलन की राह पकड़ना चाहते हैं परंतु इन्हें सरकार और प्रशासन द्वारा धरने की अनुमति नहीं मिल रही है।

राजीव गांधी युवा मित्र संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष संजय मीणा ने बताया कि उनके द्वारा दो बार प्रशासन को धरना देने की अनुमति के लिए पत्र दिया गया परंतु दोनों बार बिना किसी कारण बताए उनकी अनुमति को निरस्त कर दिया गया। बार-बार पूछने पर यह बताया गया कि ऊपर से यह आदेश हैं कि किसी प्रकार का धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जाए। राजस्थान सरकार के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम को जब अमर उजाला ने इस मामले में प्रतिक्रिया जानने के लिए फोन किया तो उनके फोन पर उनके सहयोगी ने बताया कि साहब मीटिंग में जोधपुर हैं इसलिए अभी बात नहीं हो पाएगी। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने X पर लिखा है कि कई युवाओं एवं एक्टिविस्टों ने मेरे कार्यालय में आकर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से बताया है कि वो बेरोजगारी भत्ता, रोजगार, राजीव गांधी युवा मित्र बहाली, भर्तियों की घोषणा जैसे मुद्दों पर जयपुर में धरना प्रदर्शन करना चाहते हैं परन्तु प्रशासन उन्हें सरकार के दबाव में अनुमति नहीं दे रहा है। धरना प्रदर्शन के लिए आरक्षित शहीद स्मारक से भी उन्हें बार-बार बलप्रयोग करके भगा दिया जाता है,यह उचित नहीं है।

लोकतंत्र में अपने हक के लिए शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन जनता का अधिकार है। उनकी बात सुनना सरकार का कर्तव्य है। मैं सरकार एवं पुलिस प्रशासन से आग्रह करता हूं कि इस तरह की अलोकतांत्रिक कार्यप्रणाली ना अपनाएं एवं जनता को उनका लोकतांत्रिक हक प्रयोग करने दें।

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