छत्तीसगड़

पुलिस मुखबिरी के शक में ग्रामीण की डंडे से पीट-पीटकर नक्सलियों ने लेली जान

नारायणपुर

छत्‍तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्‍सलियों की कायराना करतूत सामने आई है। यहां नक्‍सलियों ने एक ग्रामीण की डंडे से पीट-पीटकर हत्‍या कर दी है। बताया जा रहा है कि नक्‍सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में नक्‍सलियों ने ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इसी इलाके में नक्‍सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस ने पांच नक्‍सलियों को मार गिराया था। वहीं नारायणपुर में पांच दिन के भीतर नक्‍सली वारदात की यह दूसरी घटना है।

इससे पहले सोमवार एक जुलाई को नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र के बटुमपारा में नक्सलियों ने सन्नू उसेंडी नाम के एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। वह नेलांगुर थाना क्षेत्र के कोहकामेटा का निवासी था। हत्या के बाद नक्सलियों ने उसका शव ओरछा के बटुमपारा चौक की सड़क पर रख दिया था। घटनास्थल पर नक्सली पर्चा भी पाया गया था, जिसमें नक्सलियों ने युवक को पुलिस का भेदिया व बस्तर फाइटर का जवान बताया था।

पर्चे में युवक पर 15 जून को अबूझमाड़ के फरसबेड़ा कोड़तामेटा में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पुलिस को देने का आरोप लगाया गया था। बता दें कि उक्त मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए थे। नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि युवक का शव व पर्चा पुलिस को मिला है। शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। नक्सलियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना की जा रही है।

पुलिस के अनुसार इस वर्ष मार्च तक नक्सलियों ने 18 नागरिकों की हत्या की है। गौरतलब है कि भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार बनने के बाद नक्सलियों पर लगातार प्रहार किया जा रहा है। पिछले पांच महीनों में 100 से अधिक नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। जिसके बाद नक्सली बौखलाए हुए हैं।

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