मध्यप्रदेश

विधानसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित, नेता प्रतिपक्ष बोले- 300 करोड़ की वसूली हुई, मंत्री विश्वास सारंग को बर्खास्त करें

भोपाल

आज से शुरू हुआ मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र पहला ही दिन काफी हंगामेदार रहा. कांग्रेस की तरफ से भारतीय जनता पार्टी को नर्सिंग घोटाले को लेकर घेरा गया. कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन यादव, उमंग सिंघार और कई नेताओं ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. नर्सिंग घोटाले पर बढ़ते विरोध प्रदर्शन के कारण सदन कल तक के लिए स्थगित कर दिया गा है.

उमंग सिंघार ने की सारंग के इस्तीफे की मांग

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, नर्सिंग घोटाले में प्रदेश के अंदर 300 करोड़ की वसूली की गई है. उस समय मंत्री विश्वास सारंग ने अपने हिसाब से कानून बनाए हैं और फेरबदल किए हैं. कानून ने फटकार लगाई, लेकिन उन्होंने बात नहीं सुनी. आगे घोटाले न हों, इसको लेकर हम विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

नर्सिंग घाेटाले पर कांग्रेस का विरोध

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता यहां एप्रिन पहनकर पहुंचे थे. कांग्रेस नेताओं ने तय किया है कि नर्सिंग घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव लाएगी. इस बारे में विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि "देखिए आज से यह आगाज हो गया है. सत्ता को जवाबदेह बनना पड़ेगा. जो सरकार रहती है. उसकी जवाबदारी क्या है? स्वास्थ्य देना सुरक्षा देना और शिक्षा देना इन तीनों में पूरी तरह से सरकार विफल रही है."

प्रश्नकाल के बाद नर्सिंग घोटाले पर कल चर्चा
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि सरकार चर्चा करने को तैयार है, लेकिन सदन की परंपरा के साथ चर्चा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि शालीनता के साथ अपनी बात रखी जाए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन चर्चा के लिए है सभी लोगों की बात आ गई है। निश्चित रूप से दोनों पक्षों को मैंने सुना। लेकिन सदन नियम परंपरा और प्रक्रियाओं से चलता है। पुरानी भी कई परंपरा है। भावनाओं को भी कमजोर नहीं करना चाहिए। मैंने दोनों पक्षों को सुना है अलग से भी बात की है सदन में भी सुना है। मैं प्रतिपक्ष को कहना चाहता हूं कि आप दोनों लोगों ने मुझ पर छोड़ने के लिए कहा है। मैं कल उचित नियम के तहत इस पर चर्चा कराऊंगा। नेता प्रतिपक्ष ने समय की बात करने पर अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद नर्सिंग घोटाले पर कल चर्चा होंगी।

भूरिया ने आगे कहा "जिस तरह से पहले व्यापम के माध्यम से फर्जी डॉक्टर तैयार करे गए और आज नर्सिंग घोटाले के माध्यम से फर्जी पैरामेडिकल स्टाफ तैयार किया गया है. क्या जनता के लोगों की या आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं है? पैसा ही सब कुछ है? यह तो कोर्ट की जब फटकार पड़ी तब जाकर पता लगा कि सारे कॉलेजों में जबरदस्त धांधली चल रही है. अब बात यहां नहीं रुकेगी अब बात है तो लंबी जाएगी. नियम किसने 2018 में बनाए फर्जी कॉलेजों को मान्यता किसने दी? यह सबसे बड़ा सवाल है और इसमें विश्वास सारंज जवाबदेह दे हैं. और उनको इस्तीफा देना चाहिए."

मोहन सरकार का तीसरा सत्र

आपको बता दें कि 1 जुलाई से शुरू हो रहा सत्र मौजूदा सरकार का तीसरा सत्र है. इससे पहले दो सत्र हो चुके हैं. सीएम मोहन यादव सरकार का दूसरा सत्र 7 फरवरी 2024 से 14 फरवरी 2024 तक चला था. फिलहाल विपक्ष ने सत्र के पहले दिन ही नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया है.

पॉलिसी बनाने वाले अधिकारियों पर एक्शन हो
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में चर्चा कराए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा की हम चाहते है कि सदन की 14 दिन की बैठकें पूरी चले। उन्होंने कहा कि विपक्ष के हंगामें को लेकर आरोप लगाए जाते हैं। हम चाहते हैं कि बीच का रस्ता निकल कर चर्चा कराई जाए। कोर्ट में जो मामला है उस पर हम चर्चा नहीं करना चाहते हैं। नर्सिंग काउंसिल की पॉलिसी बनाने वाले अधिकारियों पर एक्शन हो। इस पूरे घोटाले को लेकर कांग्रेस पर्दाफाश करेगी।

नए कानून लागू होने पर दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए कानूनों के बदलाव को लेकर बधाई दी। सीएम ने कहा की आईपीसी की जगह साक्ष्य अधिनियम में बदलाव किया है। टोल टैक्स को लेकर सरकर ने नियम में परिवर्तन किया है। अवैध वसूली रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

 

 

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