राजनीति

डी के शिवकुमार ने नेताओं से सार्वजनिक बयान देने से बचने को कहा

बेंगलुरु
 कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की संभावना तथा तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर चल रही बहस के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने  पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान देने से बचने को कहा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी।

शिवकुमार ने पार्टी के हित में पार्टी के लोगों से ‘अपना मुंह बंद रखने’ का आग्रह किया और साथ ही संतों से राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का अनुरोध भी किया।

राज्य मंत्रिमंडल में वीरशैव-लिंगायत, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग बढ़ रही है। वर्तमान में प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय से शिवकुमार, सिद्धरमैया मंत्रिमंडल में एकमात्र उपमुख्यमंत्री हैं।

विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के वोक्कालिगा संत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामीजी ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से पद छोड़ने और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के लिए रास्ता बनाने का आग्रह किया था।

इसके बाद वीरशैव-लिंगायत संत श्रीशैल जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य स्वामीजी ने शुक्रवार को कहा कि नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के लिए उनके समुदाय के मंत्रियों के नाम पर विचार किया जाना चाहिए, साथ ही उन्होंने अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री पदों के सृजन की स्थिति में अपने समुदाय के लोगों को प्राथमिकता दिए जाने की भी वकालत की।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने दिल्ली यात्रा के दौरान हाईकमान के साथ बातचीत के दौरान एक से अधिक उपमुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग पर चर्चा की थी, शिवकुमार ने कहा, ‘‘किसी उपमुख्यमंत्री पर कोई चर्चा नहीं हुई है और न ही मुख्यमंत्री को लेकर कोई सवाल है। स्वामीजी (वोक्कालिगा संत) ने मेरे प्रति स्नेह के कारण मेरे बारे में बात की होगी। मैं बस इतना ही अनुरोध करता हूं कि मुझे किसी की सिफारिश की आवश्यकता नहीं है। हमने जो काम किया है उसके लिए पार्टी हाईकमान फैसला करेगा।’’

बेंगलुरु में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘खरगे (कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे), मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और मैंने पार्टी के हित में तय किया है कि कैसे काम करना है। इसलिए किसी विधायक या मंत्री या स्वामीजी को बोलने की जरूरत नहीं है। अगर वे (संत) हमें आशीर्वाद देते हैं तो यह काफी है…।’

शिवकुमार ने कहा कि किसी भी मंत्री को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से या मीडिया के सामने टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है और चेतावनी दी कि ‘अगर कोई विधायक या पार्टी से कोई भी इस मुद्दे को उठाता है तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) या मैं नोटिस जारी करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।’

एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं सभी से कह रहा हूं अगर आप अपना मुंह बंद रखेंगे तो यह पार्टी के लिए अच्छा होगा।’

राजनीति में संतों के हस्तक्षेप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”अभी के अलावा किसी भी स्वामीजी ने कुछ नहीं कहा…मैं उन सभी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वे राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप न करें।”

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button