देश

बिहार-नवादा में यादव दबंगों ने ब्राह्मण समाज के आठ लोगों को किया लहूलुहान

नवादा.

नवादा जिले के कौआकोल थानाक्षेत्र के नक्सल प्रभावित माधोपुर गांव से दबंगों की दबंगई का मामला सामने आया है। कहा जा रहा है कि पुलिस के ढीले रवैये के कारण गांव ब्राह्मण विहीन हो जाएगा। यहां एक ओर दबंगों द्वारा एक ब्राह्मण परिवार पर काफी जुल्म और सितम बढ़ गया है तो दूसरी ओर पुलिस पर बेरुखी दिखाने का आरोप लग रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसे में ब्राह्मण परिवार के सभी सदस्यों का घर के अंदर कैद रहना मजबूरी हो गया है।

जानकारी के मुताबिक, माधोपुर गांव में एक टोला ब्राह्मण परिवारों का है। जहां पांच-छह परिवारों के कुल 20-25 सदस्यों का निवास है। आरोप है कि आसपास रहने वाले दूसरी बिरादरी के लोग इन परिवारों पर जुल्म ढाते हैं। बताया जा रहा है कि बीते रविवार की रात छत पर पानी की टंकी ओवर फ्लो हो गई, जिससे पानी के छींटे पड़ोसी के घर की ओर भी गए। इसी बात को लेकर विवाद खड़ा किया गया। इस दौरान पड़ोसियों ने दबंगई की पराकाष्ठा पार करते हुए महिला-पुरुषों की बेरहमी से पिटाई कर दी। लाठी-डंडे से की गई पिटाई में कुल आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में भारद्वाज उर्फ राजेश पांडेय, आशुतोष कुमार पांडेय, प्रियदर्शन पांडेय, छोटू पांडेय, मंगल पांडेय, चंदन पांडेय, पिंकी देवी और रौशन पांडेय शामिल हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए कौआकोल के पीएचसी में भर्ती होना पड़ा। प्राथमिक उपचार के बाद चार लोगों को सदर अस्पताल नवादा रेफर कर दिया गया। कुछ महिलाएं तो इलाज कराने ही नहीं पहुंच सकीं। अधिकांश लोगों के सिर में चोटें थीं। जिन लोगों की अस्पताल से छट्टी हुई भोर में घर को लौट गए। उसके बाद सुबह को फिर तमाशा हुआ और भारद्वाज पांडेय के घर पर चढ़कर जमकर पत्थरबाजी की गई।

पुलिस पर मदद न करने का आरोप
पीड़ित परिवार का कहना है कि घटना के बाद डायल 112 से मदद मांगी तो पुलिस गांव में पहुंची। पुलिस अभिरक्षा में इलाज कराने पीएचसी कौआकोल पहुंचे। अस्पताल पहुंचाने के बाद पुलिस चली गई। कुछ लोगों को इलाज के बाद जब अस्पताल से छुट्टी दी गई तो गांव पहुंचने के लिए पुलिस से फिर मदद मांगी। लेकिन, पुलिस वालों ने मदद नहीं की। गांव से सूचना आ रही थी कि रास्ते में दबंग लोग घात लगाए बैठे हैं। किसी प्रकार रास्ता बदलकर भोर में घर तक पहुंचे। सुबह होने पर फिर विवाद खड़ा किया गया और घर पर पथराव किया गया। थाने को फोन लगाया तो दारोगा जी ने उल्टे डांट-फटकार लगा दी और थाने आने को कहा।

‘पानी का विवाद बहाना, मामला राजनीतिक है’
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस कहती है कि तुम लोग कमजोर लोग हो। उसी के बीच में रहना है। केस मुकदमे से क्या होगा। फिर मारेगा सहन करो। ऐसे में गांव के ब्राह्मण परिवार पूरी तरह से डरे-सहमे हैं। पीड़ित लोगों ने कहा कि पानी गिरना तो बहाना है। दरअसल, मामला राजनीतिक है। हम ब्राह्मण परिवार भाजपा के समर्थक हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट किया भी और गांव में कराया भी। दूसरे पक्ष के लोग राजद के समर्थक हैं। उन लोगों की रंजिश इसी बात को लेकर है कि भाजपा को समर्थन और वोट क्यों देते और दिलाते हैं। साल 2015 में भी इसी प्रकार से मारपीट की गई थी।

इन लोगों पर लगा मारपीट का आरोप
घटना का किंग-पिन सकिंद्र उर्फ शाको यादव को बताया जा रहा है। इसके अलावा अनिल यादव, नंदू यादव, सोहर यादव, सिंकदर यादव, कैलाश यादव, कमलेश यादव सहित करीब 20 लोगों पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया जा रहा है। इस घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका पर पीड़ित परिवार द्वारा कई सवाल उठाए जा रहे हैं। पीड़ित परिवार के भारद्वाज पांडेय का कहना है कि पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही है। कई लोगों को जख्म है। सीएचसी कौआकोल से लेकर सदर अस्पताल नवादा तक इलाज हुआ, लेकिन पुलिस आंख मूंदें बैठी है।

गांव छोड़ने को तैयार है ब्राह्मण परिवार
पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि दबंगों ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा है। पुलिस की बेरुखी से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में गांव-घर में रहना मुश्किल हो गया है। जान पर आफत है। ऐसे में अब घर छोड़ना ही आखिरी विकल्प है। ऐसा हुआ तो यह गांव ब्राह्मण विहीन हो जाएगा।

सांसद और पूर्व विधायक तक पहुंचाई गई बात
पीड़ित परिवार ने अपनी व्यथा भाजपा नेताओं तक पहुंचाई है। सांसद विवेक ठाकुर और पूर्व विधायक अनिल सिंह के पास घटना में घायलों की तस्वीर भी भेजी गई है। पूर्व विधायक अनिल सिंह ने कहा कि मामले से एसपी को अवगत कराया गया है। दोषियों पर कार्रवाई और परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की गई है। स्थानीय स्तर पर परिवार को न्याय नहीं मिला तो वरीय अधिकारियों से बात की जाएगी। इस मामले को लेकर कौआकोल थानाध्यक्ष दीपक कुमार से बात की गई। उन्होंने कहा कि किसी ने लिखित आवेदन दिया ही नहीं है। आवेदन मिलते ही प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button